समिति के सदस्यों ने जिला उपायुक्त से मुलाकात कर जताई आपत्ति, निर्माण कार्य किसी अन्य जगह कराने का किया आग्रह
फतेह लाइव, रिपोर्टर।
सिदगोड़ा स्थित सूर्य मंदिर परिसर के शंख मैदान में बास्केटबॉल कोर्ट एवं सूर्य मंदिर के छठ घाट में स्विमिंग पूल निर्माण कार्य का सूर्य मंदिर समिति ने आपत्ति जताते हुए विरोध दर्ज कराया है। मंगलवार को इस संबंध में सूर्य मंदिर समिति के प्रतिनिधिमंडल ने जिला उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री से मुलाकात की। सूर्य मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधमंडल ने इस बाबत ज्ञापन सौंपकर सूर्य मंदिर परिसर में निर्माण कार्य ना कराने का आग्रह किया है। ज्ञापन में बताया गया कि सूर्य मंदिर परिसर में छठ घाट तालाब एवं शंख मैदान का निर्माण जनता की मांग और स्थानीय आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक आवश्यकताओं की पृष्ठभूमि में वर्ष 2003 में हुआ था। तत्समय से लगातार छठ घाट तालाब में छठ महापर्व का अनुष्ठान तथा शंख मैदान में आध्यात्मिक प्रवचन एवं सांस्कृतिक तथा धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन होता रहता है।
उक्त दोनों स्थानों के प्रति स्थानीय जनता की आस्था एवं धार्मिक विश्वास बहुत गहरी है। बताया गया कि सूर्य मंदिर समिति को इस प्रकार की सूचना है कि शंख मैदान में बास्केट बॉल कोर्ट एवं छठ घाट तालाब में स्वीमिंग पूल के निर्माण की योजना बनायी जा रही है, जो सर्वथा अनुचित है और लोगों की धार्मिक, सांस्कृतिक तथा आध्यात्मिक भावनाओं के विपरित है। ज्ञापन में कहा गया कि इस प्रकार के निर्माण की कोई योजना भी है, तो उसे किसी अन्य जगहों पर कराया जा सकता है। पूरे जिले में बहुत सारी सरकारी भूमि बिना उपयोग के उपलब्ध है। सूर्य मंदिर समिति ने लोगों की आस्था एवं धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सूर्य मंदिर परिसर स्थित शंख मैदान और छठ घाट तालाब इत्यादि में किसी प्रकार का नया निर्माण नहीं कराने का आग्रह किया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सूर्य मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सिदगोड़ा सूर्यधाम पिछले कई दशकों से हिन्दुओं की आस्था का केंद्र रहा है। सूर्य मंदिर समिति के तत्वावधान में प्रायः कोई न कोई धार्मिक अनुष्ठान होता रहता है। गौरतलब है कि सूर्यधाम परिसर में भगवान भास्कर के भव्य मंदिर के अलावे प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर, श्री राधा कृष्ण मंदिर, श्री हनुमान मंदिर एवं वर्षों से पुराना शिव मंदिर है। यहाँ लोक आस्था के महापर्व छठ पर्व, चैती छठ को महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसके साथ ही, प्रत्येक वर्ष पवित्र श्रावण माह के अवसर पर प्रसिद्ध जलाभिषेक यात्रा का आयोजन होता है।
शंख मैदान में श्रीराम कथा, यज्ञ का भी आयोजन आये दिन होता है। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हिन्दू आस्था के इस स्थल को कुछ लोग बर्बाद करने की मंशा लेकर सूर्यधाम में निरंतर व्यवधान डाल रहें हैं। विगत छठ महोत्सव में भी इस तरह का व्यवधान डाला गया था। जिला प्रशासन के सहयोग के कारण ही सूर्य मंदिर समिति छठ महोत्सव को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने में सफल हो पाई। परंतु, एक बार फिर विकास कार्यों के नाम पर हिंदुओं के इस प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र से छेड़छाड़ कर लोगों के धार्मिक भावनाओं पर कुठाराघात करने की कोशिश की जा रही है। सूर्य मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने बताया कि यह सीधे-सीधे हमारे छठ घाट और पवित्र शंख मैदान को बर्बाद करने की सोची समझी साजिश है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नही किया जा सकता है। उन्होंने इन योजनाओं को पास के टाऊन हॉल में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया है।
इस दौरान प्रतिनिधिमंडल में मिथिलेश सिंह यादव, चंद्रशेखर मिश्रा, रामबाबू तिवारी, दिनेश कुमार, गुंजन यादव, संजीव सिंह, पवन अग्रवाल, राकेश सिंह, खेमलाल चौधरी, रूबी झा, धर्मेंद्र प्रसाद, प्रमोद मिश्रा समेत अन्य उपस्थित थे।
रघुवरवादी नेता निजी लाभ के लिए बौखला उठे : भाजमो
इधर, भाजमो जमशेदपुर महानगर जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष अमित शर्मा, मंजु सिंह ने संयुक्त बयान जारी कर सिदगोड़ा सूर्य मंदिर के परिसर का निजी लाभ के लिए व्यवसायीकरण करने की रघुवरवादी नेताओं की नीति पर हमला बोला है. भाजमो जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव ने कहा की सूर्य मंदिर परिसर स्थित शंख मैदान, यहाँ के उद्यान, दो तालाबों को व्यवसाय का माध्यम बनाकर अनुचित कमाई करने वाले इन स्थानों का सौंदर्यीकरण करने की विधायक सरयू राय की योजना से बौखला गए हैं.
भाजमो महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष मंजु सिंह ने कहा की जिस दिन से सभी योजनाओं का शिलान्यास हुआ उस दिन से जनता के बीच में एक खुशी के लहर आ गई थी. फिर निजी स्वार्थ को साधने वाले लोग कार्य में अड़ंगा डाल रहे हैं. इनकी अवैध कमाई और टिकट काटकर अवैध वसूली करने पर धालभूमगढ एसडीओ ने पहले ही रोक लगा दी थी. एक वर्ष पहले उपायुक्त ने इन स्थानों का अधिग्रहण कर जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति को सौंप दिया था. ये स्थान अब सरकार के अधीन है.
वहीं अमित शर्मा ने बताया की सूर्य मंदिर समिति के नाम पर स्वार्थ सिद्ध करने वालों को पता होना चाहिए कि कुछ वर्ष पहले तत्कालीन उपायुक्त ने सूर्य मंदिर समिति का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए लिखा था. सूर्य मंदिर समिति अब एक ख़ानदान संस्था बन गई है.
भाजमो नेताओं ने उपायुक्त से माँग कि की विगत 15 वर्षों में पर्यटन विभाग, सांसद निधि, विधायक निधि से क़रीब 6 करोड़ रूपये सूर्य मंदिर एवं आसपास की संरचनाओं पर खर्च हुआ है वह कहाँ खर्च हुआ है इसकी जाँच कराएँ. किसने सोन मंडप समिति के नाम पर बैंक ऑफ बड़ौदा की भुईयाडीह शाखा में जमा किया उसकी भी जाँच कराएँ. सूर्य मंदिर की रसीद पर 5 रू॰ चिल्ड्रन पार्क में जाने के लिए और 5 रू॰ शंख मैदान पार्क में जाने के लिये वसूल कर कौन कहां रखता रहा है इसकी भी जाँच हो. हम यह इलाक़ा स्वार्थियों और चंदाखोरो के चंगुल से बरी करवाने और सारी व्यवस्था सरकारी तंत्र के अधीन करने की माँग करते हैं.