फतेह लाइव, रिपोर्टर.
टाटानगर रेलवे स्टेशन के बाहर रेल कर्मचारियों के लिए अलग से बाइक स्टैंड उपलब्ध करवाया जाए। उक्त आशय की मांग ओबीसी रेलवे कर्मचारी संघ दक्षिण पूर्व रेलवे के महासचिव कृष्ण मोहन प्रसाद ने चक्रधरपुर के मंडल रेल प्रबंधक से की है।
उपरोक्त संबंध में उन्होंने मंडल रेल प्रबंधक को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने मंडल रेल प्रबंधक से टाटानगर से दूसरे रेलवे स्टेशनों में नित्य प्रतिदिन आवागमन करने वाले रेल कर्मचारियों के लिए अलग से एक बाइक स्टैंड उपलब्ध करवाने की मांग की है।
उल्लेखनीय है, कि वर्तमान समय में टाटानगर रेलवे स्टेशन के बाहर जो बाइक स्टैंड है, उसे प्राइवेट पार्टी के द्वारा चलाया जा रहा है। पहले इस प्राइवेट स्टैंड में रेलवे कर्मचारियों को बाइक स्टैंड करने के लिए साठ रुपए प्रति महीना की राशि सुनिश्चित की गई थी। परंतु नए दर पर टेंडर स्वीकृत होने के कारण अब रेल कर्मचारियों से उसी स्टैंड में बाइक स्टैंड करने के लिए 300 रुपए महीने की राशि वसूली जा रही है।
इस बात को लेकर रेल कर्मचारियों में मंडल रेल प्रशासन के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त है। ज्ञात हो कि आपातकाल में रेल दुर्घटना स्थल तक तत्काल पहुंचने के अलावें संरक्षा, सुरक्षा से संबंधित सैकड़ों रेल कर्मचारियों को अपने बाईकों को रेलवे स्टेशनों के बाहर स्टैंड करना पड़ता है। पहले इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए रेलवे प्रशासन के द्वारा बाइक स्टैंड उपलब्ध करवाया गया था, जिसे रेल कर्मचारी आपस में मिलकर आपसी सहयोग राशि देकर चलाया करते थे।
पुनः नई पालिसी के तहत रेल का आय बढ़ाने एवं ज्यादा सुविधा प्रदान करने के नाम पर रेल के बाइक स्टैंडों को प्राइवेट पार्टियों को टेंडर में दिया जाने लगा। इसी क्रम में टाटानगर रेलवे स्टेशन के बाहर रेल कर्मचारियों के लिए जो बाइक स्टैंड बनाया गया था, उसे टेंडर करके प्राइवेट पार्टी के हवाले कर दिया गया। वर्तमान समय में भी उसी स्टैंड का टेंडर किया गया है।
प्रसाद का कहना है, कि बेहतर होता कि रेलवे प्रशासन उक्त स्टैंड को रेल कर्मचारियों को सौंप देता जो एक कमेटी बनाकर आपसी सहयोग से इसका संचालन करते। जिससे कम आर्थिक बोझ पर उन्हें अपनी बाइक रखने की सुविधा मिल जाती।