फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर के परसुडीह थाना इलाके में रवि यादव पर फायरिंग की घटना के बाद कीताडीह के लोग दहशत में जी रहे हैं. शनिवार राखी के दिन जो कुछ भी हुआ वह जग जाहिर है, लेकिन रविवार को भी यहां जो कुछ हुआ है. वह पुलिस की कार्यशैली पर उंगली उठाने वाली बात है.
एक क्षेत्र में घटना हो जाये और पुलिस का काम गुंडा तत्व के लोग करें, पुलिस पर उंगली उठाने वाली बात है. उसके बाद भी पुलिस के वरीय लोग चुप क्यों है?
संतोष तिवारी और नेहाल तिवारी (दोनों पिता पुत्र) के घर पर जिस तरीके से हमले हुए. उससे पिछले सालों पूर्व घटित गोलमुरी थाना के टुईलाडूंगरी की कहानी दोहराने जैसे बात सामने आ रही है. शनिवार को जो कुछ थाना अंदर या बाहर हुआ, क्षेत्र में इसकी चर्चा जोरों पर हो रही है.
इस घटना में शामिल लोग अब तक क्यों नहीं पकड़े गए. यह भी पुलिस को चुनौती देने वाली बात है. अमन कुमार के स्नैप चार्ट की जांच पुलिस को करनी चाहिए थी, रवि यादव गैंग ने उस चार्ट को पकड़ा और तबाही मचाई.
राखी के दिन 10 -12 लोगों को थाना भेजने वाले यादव समाज के खिलाफ गुस्सा भरा हुआ था, लेकिन शाम 5 बजे थाना हाजत के बाहर राखी बांधकर पुलिस ने क्या साबित किया.
यह चर्चा का विषय बना हुआ है. कुल मिलाकर इस घटना में जो छनकर बात सामने आ रही है, वह इन दिनों किताडीह में हो रही है. पुलिस लाचार हो गई है?