श्री गुरुग्रन्थ साहिब जी के पहले प्रकाश पर्व पर बोले प्रचारक,… तो दिहाड़े मनाने का कोई फायदा नहीं






































फतेह लाइव, रिपोर्टर।
जमशेदपुर के स्टार प्रचारक हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने गुरुघरों में हावी राजनीति और जात पात के मसले पर कड़ी प्रतिक्रिया देकर प्रबंधकों को करारा झटका दिया है. जमशेदपुरी ने रविवार को एक प्रेस रिलीज़ जारी करते हुए श्री गुरुग्रंथ साहेब के प्रकाश दिहाड़े पर उन सिख नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि गुरुग्रंथ साहेब में जात पात नाम की कोई जगह नहीं है. हम अगर जातपात पर जी रहे हैं तो फिर प्रकाश दिहाड़ा मनाने का कोई औचित्य नहीं है.
उन्होंने कहा की जो सिख गुरुग्रन्थ साहिब जी को गुरु मानता है. उसे केवल और केवल सिख होने का मान होना चाहिए न की अपनी जाती का. चूंकि गुरुबाणी में साफ लफ्जो पर लिखा है “हमरी जात पात गुर सतगुर” अर्थात हमारे लिए हमारी जात हमारा गुरु है और हमें गुरु ने हमारी जाति सिर्फ सिख बताई है. इसलिए समाज में फैल रहे जातिवाद पूर्ण रूप से समाप्त होना चाहिए.
हरविंदर ने कहा की हम श्री गुरुग्रन्थ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व मना रहे हैं और अगर गुरुग्रन्थ साहिब जी का हुकम नहीं मान रहे तो हमें यह समझ लेना चाहिये की हम गुरुग्रन्थ साहिब के सिख नहीं, बल्कि अपने मन के सिख हैं. उन्होंने कहा की जात पात से परे हट कर हमें “एक ग्रन्थ एक पंथ” की विचार के साथ खड़े होना चाहिये, ताकि हमरी आने वाली पीढ़ी गुरु घर से जुड़ सके.