फतेह लाइव, रिपोर्टर.
कांग्रेस पार्टी के टेल्को कॉलोनी मण्डल अध्यक्ष देबाशीष घोष ने कहा कि यह न केवल अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि प्रवासियों के साथ किए जाने वाले व्यवहार पर भी गंभीर सवाल उठाता है.
प्रवासियों को इस तरह अपराधियों की तरह बर्ताव करना अमेरिका की कथित “लोकतांत्रिक और न्यायप्रिय” छवि पर काला धब्बा है. अगर किसी ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया भी था, तो भी उन्हें मानवीय तरीके से निर्वासित किया जाना चाहिए था. हथकड़ी पहनाकर भेजना केवल सत्ता का दंभ और नस्लीय भेदभाव दर्शाता है.
भारत सरकार को इस पर कड़ी आपत्ति जतानी चाहिए और अमेरिका से औपचारिक माफी की मांग करनी चाहिए. यह केवल 104 लोगों का नहीं, बल्कि संप्रभुता और मानव गरिमा का प्रश्न है. अमेरिका यदि वाकई न्याय और मानवाधिकारों में विश्वास रखता है, तो उसे ऐसी अमानवीय नीतियों की पुनरावृत्ति रोकनी होगी.