फतेह लाइव, रिपोर्टर.


झारखंड उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय के माध्यम से याचिकाकर्ता सतनाम सिंह गंभीर को निर्देश दिया था कि वह जिलावार बताएं कि कितने पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिला है। कोर्ट ने मुआवजा नहीं मिलने वाले पीड़ितों की सूची को प्रस्तुत करने का निर्देश प्रार्थी सतनाम सिंह गंभीर को दिया था।
सतनाम सिंह गंभीर ने झारखंड के हर ज़िले में जाकर 1984 के पीड़ित परिवारों से मुलाक़ात कर सूची इकट्ठी की, जिन्हें आर्थिक नुक़सान का मुआवज़ा अब तक नहीं मिला है। आज ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के पूर्वी भारत अध्यक्ष एवं याचिकाकर्ता सतनाम सिंह गंभीर एवं डाल्टनगंज के पीड़ित परिवारों की पैरवी कर रहे इंदरजीत सिंह डिंपल ने 1984 के पीड़ित परिवारों को इंसाफ़ दिलाने की पैरवी कर रहे अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय को 178 पीड़ितों की सूची सौंपी। सतनाम सिंह गंभीर ने अपने अधिवक्ता से पीड़ितों का पक्ष मज़बूती से उच्च न्यायालय में रखने की अपील की।
ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के पूर्वी भारत अध्यक्ष सतनाम सिंह गंभीर ने कहा कि उनकी कोशिश रहेगी कि एक भी पीड़ित परिवार मुआवज़े से वंचित ना रहे।
ज्ञात हो कि सतनाम सिंह गंभीर सिख पीड़ितों को इंसाफ़ दिलाने के लिए लगातार झारखंड का दौरा कर रहे थे। गंभीर ने कहा कि दंगों के 40 वर्ष बाद भी इंसाफ़ ना मिलना काफ़ी पीड़ादायक है। उन्होंने कहा कि उनका संघर्ष अंतिम पीड़ित परिवार को इंसाफ़ मिलने तक जारी रहेगा। इस दौरान समाजसेवी रुपेश शर्मा भी उपस्थित थे।