100 करोड़ की योजना 2 वर्ष में ही धाराशाही : डॉ परितोष
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना में अनियमित के खिलाफ आज पंचायत प्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमंडल जिला परिषद उपाध्यक्ष पंकज सिंह एवं सदस्य डॉक्टर परितोष के नेतृत्व में आठ सूत्रीय ज्ञापन उपायुक्त को सौपा गया, जिसमें गोविंदपुर जलापूर्ति योजना की समस्याएं एवं सुधार अंकित थी।
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प्रतिनिधिमंडल ने आठ सूत्री मांग पत्र दिया
1. छोटा गोविंदपुर ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत 21 पंचायत के लगभग 22000 घरों में 137 करोड़ की लागत से वर्ल्ड बैंक के सहयोग से जलापूर्ति योजना का शिलान्यास जुलाई 2015 में किया गया था, जिसे 2018 में पूरा करने का लक्ष्य था मगर 7 वर्षों के बाद भी योजना अपूर्ण है। पेयजल विभाग एवं ठेका कंपनी आईएफएलएस की मिली भगत से ठेका कंपनी को अपूर्ण योजना पर लगभग 85% राशि का भुगतान कर दिया गया, सामूहिक आंदोलन के पश्चात जांच के क्रम में ठेका कंपनी ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया। मगर विभाग के द्वारा रिकवरी की प्रक्रिया नही की गई।
2. मुख्य कंपनी के ब्लैकलिस्टेड होने के उपरांत विभाग द्वारा बचे हुए घरों में पाइप लाइन एक्सटेंशन कार्य हेतु श्री कुंज इंटरप्राइजेज, बोकारो को कार्य आवंटित किया गया जो लगभग 5 करोड रुपए का है। मगर 18 महीना होने के उपरांत भी संवेदक के द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किया गया था, जिला परिषद में 23. 8. 2023 को आयोजित सामान्य बैठक में हमारे द्वारा इस बात को उठाया गया, इसके पश्चात अनुपालन प्रतिवेदन में विभाग के द्वारा संवेदक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और टालमटोल रवैया किया गया, जबकि संवेदक का कार्य पूर्ण करने की अवधि 15 माह हो समाप्त हो गई है। संवेदक के द्वारा बहुत कार्य प्रगति बहुत धीमी है और अगर ऐसी स्थिति रहे तो 3 वर्षों में भी बचे हुए बस्तियों में जलापूर्ति नहीं हो पाएगी । बची हुई बस्तियों में जो वर्षों से शुद्ध पेयजल का इंतजार कर रहे हैं उनका समुचित पेयजल की व्यवस्था की जाए।
3. गोविंदपुर जलापूर्ति योजना अंतर्गत मुख्य लाइन और ब्रांच लाइन में सैकड़ो जगह लीकेज है, जिसकी शिकायत बार-बार उपायुक्त एवं शांति समिति की बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा की जाती रही है, जिससे हजारों लीटर पानी बह रहा था। विभाग के बिना किसी तैयारी के 10 दिन का शट डाउन नोटिस जारी किया गया, जिससे 22000 घरों में 3 दिनों से जलापूर्ति ठप है, जबकि जिस स्थान पर बार-बार मुख्य पाइपलाइन फट रहा है। वहां 3 बार पूर्व में भी विभाग के द्वारा मरम्मतीकरण कार्य करवाया जा चुका है। मगर घटिया क्वालिटी का समान इस्तेमाल करने के कारण बार-बार उक्त स्थान पर पानी लीकेज की समस्या बनी रहती है। शट डाउन कि स्थिति वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
4. जलापूर्ति योजना में कहीं भी वाल्व नहीं होने के कारण मेंटेनेंस कार्य हेतु पूरे 21 पंचायत की जलापूर्ति ठप कर दी जाती है ।विभाग को बार-बार अनुरोध करने पर कि अगर एरिया वाइज वाल्व देने से जिस एरिया में कार्य होगा उसे एरिया का पानी बंद रहेगा ,कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिससे पूरे 22000 घरों में चार दिनों से पानी नहीं है मगर विभाग सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। अतः कम से कम पांच स्थानों में वाल्व की व्यवस्था की जाए ताकि आने वाले दिनों में एरिया वाइज मेंटेनेंस का कार्य किया जा सके जिससे पूरे 21 पंचायत में जलापूर्ति बंद न हो।
5. गोविंदपुर मुख्य सड़क निर्माण के दौरान लगभग 100 घरों का जलापूर्ति का पाइप सड़क के अंदर जाने के कारण पिछले 4 वर्षों से वहा जलापूर्ति नहीं की जा रही है। पेयजल विभाग एवं पथ निर्माण विभाग की लड़ाई के बीच में वहां की जनता पीस रही है। निवेदन है कि पथ निर्माण विभाग एवं पेयजल विभाग की सामूहिक बैठक करवा कर घरों में पानी की व्यवस्था करवाई जाए।
6. गोविंदपुर जलापूर्ति योजना में वर्ल्ड बैंक के सहयोग पर शुरू की गई थी मगर 3 वर्षों से घरों से जलशुल्क नहीं लिया जा रहा है। जिसके चलते जनता के द्वारा भी अथाह पानी की बर्बादी हो रही है साथ ही साथ मेंटेनेंस कार्य भी प्रभावित हो रहा है। जल्द से जल्द शुल्क निर्धारण किया जाए एवं मेंटेनेंस कार्य को दुरुस्त किया जाए।
7. विभाग के द्वारा वैद्य रूप से रसीद काटने के बावजूद भी कनेक्शन नहीं करने के चलते स्थानीय प्लंबरों के द्वारा आम जनता से मोटी राशि वसूल कर पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है, जिसमे विभाग के लोग भी सामिल है। जिससे जगह-जगह पाइप लाइन फट रहा है, जिससे आए दिन गंदे जल की आपूर्ति हो रही है। स्थानीय प्लंबरों को आईडी कार्ड इशू किया जाए ताकि चिन्हित प्लंबर ही पाइपलाइन का मेंटेनेंस करें।
8. आए दिन जनता से यह समाचार प्राप्त होता है कि जलापूर्ति की क्वालिटी ठीक नहीं है। शिकायत के पश्चात कुछ दिन ठीक रहता है , फिर स्थिति दयनीय हो जाती है।
अधिकारियों के ताबदले से योजना को लगा जंग
पूर्व में भी उपायुक्त के द्वारा इन सभी मुद्दों पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, विभाग एवं संवेदक के द्वारा एक उच्च स्तरीय बैठक की गई थी। मगर उपायुक्त, कार्यपालक अभियंता, कनीय अभियंता के स्थानांतरण के उपरांत सारी चीज पुनः बंद हो गई। सिर्फ 3 वर्षो में ही इस जलापूर्ति योजना की हालत दयनीय हो गई है। पूरा क्षेत्र में भूगर्भ जल स्तर बहुत ही नीचे है। अगर समय रहते इस जलापूर्ति योजना की मॉनिटरिंग ठीक से नहीं की गई, तो पूरा क्षेत्र गंभीर जल संकट से गुजरेगा।
मांग की गई कि ग्रामीण क्षेत्र के जनता की सहूलियत को देखते हुए इन गंभीर मुद्दों पर कोई ठोस कार्रवाई का निर्देश दें। साथ ही साथ मोहरदा जलापूर्ति योजना के तर्ज पर इस जलापूर्ति योजना के संचालन का जिम्मा जुस्को को दिया जाए, ताकि इस क्षेत्र की जनता को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो सके एवं सरकार की योजना का लाभ मिल सके।
प्रतिनिधिमंडल में ये थे शामिल
इस अवसर पर इस अवसर पर प्रखंड के उप प्रमुख शिव हांसदा, पंचायत समिति सदस्य शिवम बोईपाई, सतवीर सिंह बग्गा, आरती करवा, मनोज कुमार, जास्मीन गुड़िया, संगीता चौबे, रैना पूर्ति, सोनिया भूमीज, मुखिया रंजीत सरदार, उप मुखिया संगीता देवी विभा सिंह मुख्य रूप से उपस्थित थे।