फतेह लाइव, रिपोर्टर.
झारखंड के जमशेदपुर में एक सोनू सूद बन चुका है. ये बात बिल्कुल चौंकाने वाली है. जी हां आज अगर कोई अपनों की मदद करें तो परिवार में चर्चा होगी. गैरों के काम आएं तो समाज में चर्चा होगी और सबके काम आए तो अखबार या मीडिया में भी चर्चा होगी. बस कोरोनाकाल में लौहनगरी में 10 हजार लोगों के बीच राशन बांट कर अचानक चर्चा में आए रवि जायसवाल का यही काम उन्हें जमशेदपुर का सोनू सूद बना चुका है.
जिस तरह सोशल मीडिया पर ट्वीट करते ही सोनू की टीम का रिस्पॉन्स मिलता है बस वैसे ही फेसबुक,व्हाट्सएप और मैसेज करने पर रवि की टीम आगे आ जाती है.अब तो लोग इसे गरीबों का मसीहा तक कहने लगे हैं जैसे कि कोरोनाकाल में सोनू सूद को कहा जाने लगा.
इस संदर्भ में आज हमारी बात रवि जायसवाल से हुई तो उन्होंने बताया कि मानवसेवा मेरी दिनचर्या का प्रमुख हिस्सा है.जब हमने पूछा कि आप आज क्या कर रहे हैं तो वे बोले कि आज मुझे एक असहाय महिला जो माँग कर अपना गुजारा सड़क के किनारे तिनप्लेट गेट के पास करती थी उसका पता चला.वे बोले विगत 2 महीने से उसके पैर में कीड़े लग गए थे जिसके कारण बड़ा जख्म हो जाने के कारण बेचारी का चलना-फिरना बंद हो गया था.आज सूचना मिलते ही मैंने अपनी टीम के साथ उसे एमजीएम अस्पताल में भर्ती करवाया और इस महिला के इलाज में जो भी पैसा खर्चा होगा उसका सारा जिम्मा उठाया.
उन्होंने कहा कि देश तभी बदल सकता है जब आप अपने आस-पास बदलाव की कोशिश करें लेकिन हम हमेशा दूसरों से बदलाव की उम्मीद रखते हैं जिससे हमें धोखा मिलता है.
रवि बताते हैं कि मुझे रोजाना 40-50 मैसेज आते हैं लेकिन मैं धीरे-धीरे सीमित संसाधनों के साथ सबकी मदद कर दुआओं को कमाने की कोशिश कर रहा हूं.कभी कभार तो मैं कर्ज लेकर भी जरुरतमंदों की मुस्कान बनने की कोशिश करता हूं.वे बोले मानवसेवा ही ईश्वर पूजा है और ज़रूरी नहीं कि आप मंदिर में ही पूजा करो सबमें ईश्वर का वास है.