फतेह लाइव रिपोर्टर


चंपई सोरेन सरकार में फिर से कांग्रेसी कोटे के पुराने मंत्री को ही बनाए जाने के खिलाफ तकरीबन एक दर्जन विधायकों ने बगावती तेवर अख्तियार करते हुए दिल्ली के एक रिसॉर्ट में डेरा डाल दिया था और उन्हें मान मनौव्वल की हर कोशिश नाकाम होती जा रही थी और चंपई सोरेन सरकार की दर धड़कन बढ़ती जा रही थी। मामला सलटाने के लिए कथित रूप से झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन विद दिल्ली कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने चले गए थे हालांकि उन्होंने इस मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बताया था लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस सियासी संकट से बचने का हल खोजने के लिए वे वहां पहुंचे थे। मामला प्रदेश से लेकर दिल्ली हाईकमान तक पहुंच गया था और खुद विधायक दिल्ली भी पहुंच गए थे और पार्टी को अल्टीमेटम दे दिया था कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक वे दिल्ली में जमे रहेंगे और पिछले 5 दिनों से दिल्ली में डेरा डाला ही हुआ था। उन्होंने यह भी धमकी दी थी कि बजट का बहिष्कार भी करेंगे।जिससे चंपई सोरेन सरकार के लिए भारी मुश्किल पैदा हो गई थी क्योंकि 23 फरवरी को बजट सत्र शुरू होने वाला था और बजट सत्र में धन विधेयक भी पास कराना था। इसके अलावा यह भी डर था कि कहीं नाराज विधायक कुछ दूसरा रोल न कर दें। जिससे झारखंड सरकार अल्पमत में आ जाए लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने फिलहाल कथित रूप से उन्हें मनाने में सफलता हासिल कर ली है।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व ने विधायकों से कहा है कि फिलहाल चारों मंत्री बने रहेंगे। उन्हें हटाने से मौजूदा सियासी परिस्थितियों में गलत संदेश जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक मंगलवार रात और बुधवार को दिन में पार्टी के संगठन महासचिव केसी. वेणुगोपाल से वन-टू-वन बातचीत के बाद अब विधायकों का रुख नरम है। विधायकों से कहा गया कि इस तरह से गोलबंद होकर मंत्रियों को हटाने की उनकी मांग एक बारगी नहीं मानी जा सकती। इससे सरकार की साख पर सीधा असर पड़ेगा।यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कांग्रेस कोटे के चारों मंत्री सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं के सुझावों-शिकायतों पर तत्काल गौर करें। अगर इसमें कहीं कोताही हुई, तो उन्हें रिप्लेस कर दिया जाएगा।
केसी. वेणुगोपाल के पहले पार्टी नेतृत्व ने मध्यप्रदेश कांग्रेस विधायक दल के नेता उमंग सिंघार को नाराज विधायकों को समझाने का टास्क सौंपा था। उन्होंने विधायकों से दो से तीन बार बातचीत की थी और कहा था कि उनकी भावनाओं से पार्टी नेतृत्व अवगत है। सही समय पर ठोस निर्णय लिया जाएगा। विधायकों की राज्य के बोर्ड-निगमों में जल्द नियुक्ति होगी और इसमें उनकी सिफारिशों पर गौर किया जाएगा।
पार्टी नेतृत्व ने विधायकों को राज्य में गठबंधन की सरकार की मजबूती के लिए काम करने और लोकसभा चुनाव की तैयारी पर फोकस करने को कहा है। दिल्ली में शनिवार से जमे सभी नौ विधायक बुधवार शाम तक रांची लौट आएंगे।