झारखंड को मिलेगा तीसरा विकल्प, फतेह लाइव ने पहले ही छाप दी थी खबर

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

29 जून 2023 को जदयू की कार्यसमिति बैठक में झारखंड विधानसभा चुनाव पर भी चर्चा हुई थी. इस खबर को फतेह लाईव ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि जदयू और भाजमो मिलकर झारखंड को तीसरा विकल्प देने जा रहे हैं. इस पर कुछ राजनीतिक विश्लेषक यह बता रहे हैं कि अगर ऐसा होता है तो झारखंड की जनता को तीसरा विकल्प मिलता नजर आ रहा है. इस पर अभी बहुत कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन सूत्रों की मानें तो जदयू और भाजमो के साथ भाजपा का गठबंधन न होने की संभावना बहुत कम नजर आ रही है.

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सरयू राय और नीतीश कुमार कॉलेज के साथी रहे हैं, तो उम्मीद भी जताई जा रही है, कि सरयू राय झारखंड की राजनीति में कुछ नया और बड़ा खेला करने वाले हैं. कयास तो ये भी लगाए जा रहे हैं कि क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पार्टियों से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे प्रत्याशियों का टिकट कटने पर सरयू उन पर दांव लगा सकते हैं. इसी रेस में कुणाल षाडंगी की चर्चा भी है क्योंकि कुणाल ने हाल ही में भाजपा छोड़ी और अपने पुराने कार्यक्षेत्र बहरागोड़ा से सक्रिय हो गए हैं. कुछ इसी तरह भाजपा की सक्रिय कार्यकर्ता और जुगसलाई से विधानसभा की संभावित प्रत्याशी नीलू मछुआ भी अचानक रेस में आई हैं.

सूत्रों की मानें तो नीलू मछुआ भी सरयू राय की टीम के संपर्क में हैं और भाजपा से टिकट न मिलने की स्थिति में वह भी जदयू उम्मीदवार हो सकती हैं. इसी तरह से जमशेदपुर पश्चिम से विधानसभा पहुंचने की उम्मीद में पत्रकारिकता छोड़कर समाजसेवा की राह चुनने वाली युवा और चर्चित पत्रकार अन्नी अमृता भी जदयू की प्रत्याशी हो सकती हैं. वैसे तो राजनीति संभावनाओं का क्षेत्र है और इसमें कभी भी कुछ भी कहीं भी संभव है.

बस परिस्थितियों पर सब कुछ निर्भर है.81 विधानसभा सीटों पर चौंकाने वाले नाम आ सकते हैं. इस नये समीकरण के पीछे हो सकता है सरयू राय ही झारखंड में सीएम का चेहरा घोषित हों जाएं, क्योंकि उनकी ईमानदार छवि और भ्रष्टाचार पर चोट झारखंड में चर्चा का विषय बनी रहती है. शनिवार को सरयू राय ने पटना में नीतीश कुमार के साथ मुलाकात कर ट्विटर पर दो घंटे पहले कुछ इसी तरह के संकेत दिए हैं, जिससे झारखंड की राजनीति में भूचाल आ गया है. विधानसभा चुनाव नजदीक है और चुनाव आयोग सितंबर-अक्टूबर तक विधानसभा चुनाव करवा सकती है. इस बीच दर्जनों प्रत्याशी विधायक बनने का सपना देख रहे हैं तो जाहिर है कि तीसरे विकल्प में वैसे विक्षुब्ध उम्मीदवारों‌ को नये विकल्प में मौका मिले.

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