फतेह लाइव, रिपोर्टर.






































चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ ने बंगाल में कहर बरपाना शुरू कर दिया है. बंगाल की राजधानी कोलकाता में दीवार गिरने से 2 लोगों की मौत हो गई है. चक्रवात के प्रभाव में पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में सोमवार को भी भारी बारिश हो रही है. तूफान ने प्रचंड रूप अख्तियार कर रविवार आधी रात को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों पर दस्तक दी. मौसम विभाग ने बताया कि ‘रेमल’ के तटों पर पहुंचने पर 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं. चक्रवात के कारण पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों और कोलकाता एवं आसपास के क्षेत्रों में रविवार को तेज हवाएं चलीं और रुक-रुक कर बारिश भी हुई. ‘रेमल’ ने रविवार आधी रात को सागरद्वीप और खेपुपारा (बांग्लादेश) के बीच तटों को पार किया.
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दोपहर से 21 घंटे के लिए उड़ान निलंबित
कोलकाता मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार दक्षिण बंगाल के कई जिलों में रविवार शाम से 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रहीं हैं, जिससे कोलकाता, हावड़ा, हुगली और पूर्व मेदिनीपुर प्रभावित होंगे. दत्ता ने कहा कि रेमल नुकसान पहुंचायेगा, लेकिन इसके 2020 में आये चक्रवात ‘अम्फान’ के मुकाबले कम विनाशकारी रहने की संभावना है. चक्रवात को देखते हुए पूर्वी और दक्षिण पूर्वी रेलवे ने एहतियात के तौर पर दक्षिण और उत्तर 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिले के तटीय जिलों में कई ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी हैं. कोलकाता हवाई अड्डे के अधिकारियों ने चक्रवात ‘रेमल’ के संभावित प्रभाव के कारण रविवार दोपहर से 21 घंटे के लिए उड़ान निलंबित करने का फैसला किया है.
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बंगाल और ओडिशा में सोमवार को अत्यधिक भारी बारिश का अलर्ट
यह मॉनसून से पहले के मौसम में बंगाल की खाड़ी में आने वाला पहला चक्रवात है. मौसम कार्यालय ने पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में 27 मई को अत्यधिक भारी वर्षा होने की चेतावनी जारी की है. असम और मेघालय में भी अत्यधिक भारी बारिश होने की आशंका है. मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में 27-28 मई को भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है. मौसम कार्यालय ने मछुआरों को सोमवार सुबह तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में समुद्र में न जाने की सलाह दी है. उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, कोलकाता, हावड़ा और हुगली जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है. उत्तर और दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की आशंका के कारण इन क्षेत्रों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है.
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कई जगह गिरे पेड़, 15 हजार कर्मचारी सड़क पर
कोलकाता में कई जगह पेड़ गिर गये. निगम ने जल-जमाव व गिरे पेड़ों को हटाने के लिए 15 हजार कर्मचारियों को सड़क पर उतारा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि चक्रवात से डरें नहीं, खुद को सुरक्षित रखें. पूर्वी नौसेना ने भी कमान संभाल ली है. कई जिलों में फेरी सेवा बंद कर दी गयी है. भारतीय तट रक्षक ने समुद्र में जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए एहतियातन कदम उठाये हैं तथा हल्दिया और पारादीप में मछली पकड़ने वाले पोतों और वाणिज्यिक पोतों को सतर्क कर दिया गया है. राज्य एजेंसी के प्रयासों में समन्वय के लिए लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, कोलकाता पुलिस की 10 टीमें शहर के 10 पुलिस प्रभागों में तैनात की गयी है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दल भी उन जिलों में भेज दिया गया है, जहां चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने की आशंका है. चक्रवात से सुंदरबन मैंग्रोव वन के भी प्रभावित होने की आशंका है.