फ़तेह लाइव,डेस्क
नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2023 के तहत, NCERT ने कक्षा 7 की सामाजिक विज्ञान की किताब में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब छात्रों को मुगलों और दिल्ली सल्तनत के इतिहास के बजाय प्राचीन भारतीय राजवंशों जैसे मगध, मौर्य, शुंग और सातवाहन के बारे में पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा, महाकुंभ मेला, पवित्र भूगोल, और सरकारी योजनाओं जैसे ‘मेक इन इंडिया’ और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
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बदलाव की मुख्य बातें
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मुगल और दिल्ली सल्तनत का इतिहास हटाया गया: पिछले पाठ्यक्रम में मुगलों और दिल्ली सल्तनत के बारे में विस्तृत जानकारी थी, जिसे अब हटा दिया गया है।
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भारतीय राजवंशों पर जोर: अब छात्रों को मगध, मौर्य, शुंग और सातवाहन जैसे प्राचीन भारतीय राजवंशों के बारे में पढ़ाया जाएगा, जो भारतीय लोकाचार और संस्कृति को दर्शाते हैं।
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महाकुंभ मेला का संदर्भ: 2025 में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले का उल्लेख किया गया है, जिसमें लगभग 66 करोड़ लोगों ने भाग लिया।
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पवित्र भूगोल पर ध्यान: भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों जैसे 12 ज्योतिर्लिंग, चार धाम यात्रा और शक्ति पीठों के बारे में जानकारी दी गई है।
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सरकारी योजनाओं का समावेश: ‘मेक इन इंडिया’, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और ‘अटल सुरंग’ जैसी योजनाओं पर भी चर्चा की गई है।
किताब का नया नाम और संरचना
नई किताब का नाम ‘समाज का अध्ययन: भारत और उसके आगे’ रखा गया है, जो भारतीय और स्थानीय संदर्भों पर आधारित है। यह किताब दो भागों में प्रकाशित की गई है; पहला भाग शैक्षणिक सत्र के पहले छह महीनों के लिए है, जबकि दूसरे भाग में और भी विषय जोड़े जाएंगे।
विवाद और प्रतिक्रिया
इन बदलावों पर कुछ आलोचनाएँ भी उठी हैं। विपक्ष ने इसे ‘पाठ्यपुस्तकों का भगवाकरण’ करार दिया है, जबकि NCERT के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा है कि दंगों जैसे विषय बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, इसलिए उन्हें हटाया गया है। यह बदलाव भारतीय संस्कृति और लोकाचार को प्राथमिकता देने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है, लेकिन इसके प्रभाव और उद्देश्य पर विभिन्न दृष्टिकोण हैं।