- ‘जीवन सुसाइड प्रिवेंशन सेंटर’ ने अभिभावकों से अपील की, बच्चों पर मानसिक दबाव न बनाएं
फतेह लाइव, रिपोर्टर
जैसे-जैसे कॉलेजों और शैक्षिक संस्थानों में दाखिले की प्रक्रिया तेज़ हो रही है, छात्रों और अभिभावकों पर मानसिक दबाव भी बढ़ता जा रहा है. इस बढ़ते तनाव को ध्यान में रखते हुए, ‘जीवन सुसाइड प्रिवेंशन सेंटर’ ने एक महत्वपूर्ण पहल की है, जिसमें अभिभावकों से अपील की गई है कि वे बच्चों पर किसी प्रकार का दबाव न बनाएं. इस पहल का मुख्य उद्देश्य उन छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए है, जो कैरियर चयन, कॉलेज चयन में भ्रम या अत्यधिक अपेक्षाओं के कारण मानसिक दबाव का सामना कर रहे हैं. ‘जीवन’ का मानना है कि अगर सही समय पर मार्गदर्शन और भावनात्मक सहयोग मिले, तो छात्र न केवल बेहतर निर्णय ले सकते हैं, बल्कि आत्महत्या जैसे खतरनाक कदमों से भी बच सकते हैं.
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संस्था का उद्देश्य और मानसिक स्वास्थ्य का महत्व
‘जीवन’ के अनुसार, “हर साल दाखिले के समय हम देखते हैं कि कई छात्र मानसिक रूप से टूट जाते हैं. हमें समझना होगा कि हर छात्र की क्षमता अलग होती है. हम इसी सोच के साथ काम कर रहे हैं कि दबाव नहीं, सहयोग दें.” संस्था ने यह भी स्पष्ट किया कि अभिभावकों की भूमिका सिर्फ दाखिले की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उन्हें बच्चों की भावनाओं और असमंजस को समझने की भी ज़रूरत है. ज़्यादा अंक लाने या प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश दिलाने का सामाजिक दबाव, कई बार अवसाद और आत्महत्या की स्थिति तक पहुंचा देता है.
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समुदाय स्तर पर जागरूकता और संपर्क साधने के उपाय
‘जीवन’ संस्था द्वारा स्कूलों, कॉलेजों और समुदाय स्तर पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा की जाए और छात्रों को यह संदेश दिया जाए कि उनका जीवन अनमोल है. संस्था का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य को मुख्यधारा की चर्चा का हिस्सा बनाना है. तनाव की स्थिति में लोग ‘जीवन’ के हेल्पलाइन नंबर 9297777499 या 9297777500 पर संपर्क कर सकते हैं, या फिर वे 25, क्यू रोड, बिस्टुपुर स्थित ‘जीवन’ केंद्र में आमने-सामने परामर्श प्राप्त कर सकते हैं. ‘जीवन’ संस्था ने वर्षों से संकटग्रस्त व्यक्तियों तक पहुंचने और उनकी मदद करने में अहम भूमिका निभाई है.