- सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देने का प्रयास
फतेह लाइव रिपोर्टर
पोटका के तिलाईडीह गांव में पोड़ा तेतला पंचायत और गोयाल काटा पंचायत के अंतर्गत आने वाले 19 गांवों के सांस्कृतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक और प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम पर्यावरण चेतना के दो बड़े सिगदी द्वारा आयोजित किया गया। बैठक में यह चर्चा हुई कि हर गांव में पारंपरिक नित्य गीतों और रीति-रिवाजों की धारा जिंदा है, लेकिन समय के साथ कई गांवों में गाजा-बाजा की परंपरा समाप्त होती जा रही है. युवा पीढ़ी आजकल पैड और डीजे से नृत्य करती है और गाजा-बाजा से दूर होती जा रही है. इस पर बुजुर्गों ने कहा कि पारंपरिक गाजा-बाजा को फिर से जोड़ने और संस्कृति को संजीवनी देने की आवश्यकता है, ताकि हमारी संस्कृति समृद्ध हो सके.
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बैठक के दौरान यह भी सुझाव दिया गया कि संस्कृति को सामूहिकता और सहभागिता का प्रतीक माना जाए, जिसमें हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में शामिल होता है. बैठक में जोर दिया गया कि सभी सांस्कृतिक दलों के सदस्य अपने बच्चों को स्कूल से बाहर न जाने दें और उन्हें कृषि और आजीविका से जोड़ते हुए जलवायु परिवर्तन की रोकथाम में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर विचार किया गया. इस बैठक में पर्यावरण चेतना केंद्र के निर्देशक सिद्धेश्वर सरदार, कोऑर्डिनेटर गोपाल किस्कु और कई अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित थे. इस कार्यक्रम में सैकड़ों सांस्कृतिक दलों के लोग भी शामिल हुए.