सड़क को किया जाम, बंद कराया नौका परिचालन
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर से सटे घाटशिला में बुरुडीह पर्यटन स्थल संरक्षण समिति के नेतृत्व में घाटशिला प्रखंड के कालचिति पंचायत अंतर्गत डैम जाने वाली सड़क को ग्रामीणों ने जाम कर दिया. ग्रामीणों की मांग है कि बुरुडीह डैम में नौका परिचालन ग्राम सभा के माध्यम से ही कराया. सरकार इसे व्यवसाय के रूप में देख रही है जिसके कारण नौका परिचालन का डाक आठ लाख से भी ज्यादा बोली लगाकर गांव से बाहर के लोग ले रहे हैं.
इस समिति को 2023 में निर्मित इस समिति को बुरुडीह. टिकरी, हीरागंज, रामचन्द्रपुर गांव के प्रधानो का समर्थन प्राप्त है समिति में फिलहाल 600 से ज्यादा लोग जुड़े हैं समिति के सदस्यों का कहना है यह किसी भी कीमत पर ग्राम सभा बर्दाश्त नहीं करेगी. ग्राम समिति बनाकर ही नौका का परिचालन किया जाए. ग्रामीणों ने बताया कि 24 सितंबर को बंदोबस्ती रद्द करने के संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया था. ग्राम सभा के ज्ञापन पर कोई विचार नहीं किया.
नौका परिचालन के लिए नीलामी प्रशासन द्वारा करा दी गई. लेकिन चारों ग्राम के ग्राम प्रधान और ग्राम सभा अनुमति के बिना वे एक अक्टूबर से नौका परिचालन नहीं होने देंगे. ग्रामीणों ने सड़क पर चार घंटा का सांकेतिक प्रदर्शन किया एवं डैम पर नौका परिचालन को बंद कर दिया. ग्रामीणों ने कहा कि इसके बाद भी प्रशासन गंभीर नहीं होता है तो ग्रामीण चरणबद्ध आंदोलन करेंगे. ग्रामीणों ने एसडीओ से आग्रह किया है कि बन्दोबस्ती रद्द की जाए. इससे ग्रामीण बेरोजगार युवक को रोजगार मिलेगा. पैसा के अभाव में वे डाक में भाग लेने में असमर्थ हैं.
ग्राम सभा की मांग है कि गांव में ग्राम नौका समिति का गठन किया जाय. विरोध करने वाले में मुख्य रूप से ग्राम प्रधान श्याम चरण मुर्मू, लखी चरण सिंह, नंद हांसदा, प्राण मुर्मू तथा ग्रामीण जोसेफ मुर्मू, रवि हेंब्रम, विभीषण भुईयां, बाबूलाल कर्मकार, जॉन मुर्मू, मानिक महतो, सालगे माडी, सुचित्रा हांसदा, पार्वती मुर्मू सहित काफी संख्या में चारों गांव के ग्रामीण शामिल थे.
विरोध कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि बुरुडीह जलाशय में नौका परिचालन का वर्ष 2000 से 2007 तक गांव में ग्राम सभा के माध्यम से अनुमंडल पदाधिकारी के उपस्थिति में नौका परिचालन समिति का गठन करके अस्थायी बन्दोबस्ती दी गई थी. उसे समय घाटशिला के तत्कालीन विधायक प्रदीप कुमार बालमुचू थे समिति ने निर्धारित राशि भी समय से चुकता किया. इस समिति में जलाशय से प्रभावित जिनका जमीन अधिग्रहण किया गया है तथा विस्थापित परिवार एवं बेरोजगार युवक को सम्मिलित किया गया है. लेकिन अचानक ग्राम सभा को अनदेखी कर दी गई.
यह साबित होता है कि बिचौलिया एवं पदाधिकारी के साठगांठ से बन्दोबस्ती किया गया जो पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों के लिए अपमानजनक है. ग्राम सभा को प्राथमिकता देना आवश्यक है. ग्रामीणों ने बताया कि इस बात की जानकारी घाटशिला के विधायक सह जल संसाधन एवं उच्च साक्षरता मंत्री रामदास सोरेन को भी दी गई उन्होंने भी आवश्यक कार्रवाई का आस्वासन दिए लेकिन फिर भी कुछ नहीं हो पाया ग्रामीणों ने बताया कि अभी पूर्ण रूप से आंदोलन के मूड में है जब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं होता है तब तक आंदोलन करते रहेंगे