- मुसाबनी में योजनाओं की प्रगति, गुणवत्ता और परिणामों की हुई समीक्षा, हर घर तक पहुंचाने होंगे मूलभूत लाभ
- महिला सशक्तिकरण और प्लास्टिक मुक्त पंचायत की दिशा में ठोस पहल
फतेह लाइव, रिपोर्टर
मुसाबनी प्रखंड सभागार में बुधवार को उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम के अंतर्गत चल रही योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस दौरान उपायुक्त ने नीति आयोग द्वारा निर्धारित प्रमुख विकास संकेतकों के अनुसार कार्यों की प्रगति, गुणवत्ता और प्रभाव का गहन विश्लेषण किया. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि योजनाएं केवल कागजों तक सीमित न रहें, बल्कि इनका सीधा प्रभाव नागरिकों के जीवन स्तर में दिखना चाहिए. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को निर्देश दिया गया कि मल्टी विलेज स्कीम को हर हाल में नवंबर 2025 तक पूर्ण करें और 51 गांवों को दो माह के भीतर ODF प्लस बनाने की दिशा में ठोस कार्य योजना तैयार करें.
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स्वच्छता व पेयजल योजनाओं को लेकर सख्त हुए उपायुक्त, समयसीमा तय
स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में उपायुक्त ने प्रोजेक्ट मानसी और सत्य साईं फाउंडेशन के प्रतिनिधियों को PVTG (विशेष रूप से संवेदनशील जनजातीय समूह) क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी. साथ ही संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने, तीन आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन माह के भीतर शौचालय निर्माण, पोषण ट्रैकर अपडेट करने, SAM एवं MAM बच्चों की पहचान और ANC सेवाओं के कवरेज को बेहतर करने पर बल दिया. आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी आरोग्य मंदिरों को दिसंबर 2025 से पहले NQAS हेतु आवेदन करने का निर्देश दिया गया. मिर्गी व थैलेसीमिया रोगियों की पहचान के लिए अगले माह विशेष चिकित्सा शिविर का आयोजन करने पर सहमति बनी.
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स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच पर विशेष जोर, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा
शिक्षा विभागीय कार्यों की समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने छात्र-शिक्षक अनुपात की जानकारी ली और बोर्ड परीक्षा में अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन पर असंतोष जताया. उन्होंने निर्देश दिए कि विद्यालयों में गुणवत्ता आधारित शिक्षण प्रणाली को अपनाया जाए. साथ ही सभी विद्यालयों में पेयजल, शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाएं अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने को कहा. कृषि क्षेत्र में सॉइल हेल्थ कार्ड और किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए सभी योग्य किसानों को जोड़ने की बात कही गई. इसके अलावा JSLPS के सहयोग से गोहला क्लस्टर में व्यावसायिक खेती को बढ़ावा देने और एफपीओ मॉडल पर बाजार आधारित समाधान को लागू करने के निर्देश दिए गए.
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शिक्षा व कृषि में सुधार के लिए व्यापक रणनीति, गुणवत्ता शिक्षा व व्यावसायिक खेती पर फोकस
डिजिटल कनेक्टिविटी और ऊर्जा आपूर्ति पर चर्चा करते हुए उपायुक्त ने भारतनेट योजना की पंचायतवार समीक्षा की और शेष पंचायतों में शीघ्र कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. उन्होंने बिजली विभाग को सख्त निर्देश दिया कि आगामी दो माह में 100% घरों में विद्युत कनेक्शन सुनिश्चित किया जाए. वित्तीय समावेशन पर जोर देते हुए एलडीएम को निर्देशित किया गया कि प्रत्येक छात्र, महिला और किसान का बैंक खाता खोला जाए ताकि DBT के माध्यम से योजनाओं का लाभ सीधे मिल सके. संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के लिए हर पंचायत से कम-से-कम एक ममता वाहन टैग करने का निर्देश पंचायत सचिवों को दिया गया.
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डिजिटल और बिजली कनेक्टिविटी पर विशेष फोकस, बैंक खाता खुलवाने के निर्देश
बैठक के बाद उपायुक्त ने प्रखंड परिसर में बुनकर स्वावलंबी समिति की महिलाओं से संवाद कर उनका उत्साहवर्धन किया और सभी प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा तेरेंगा पंचायत में निर्मित कचरा पृथक्करण शेड का निरीक्षण भी किया गया. उन्होंने शेड संचालिका को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए ग्रामीणों को इससे जोड़ने तथा प्लास्टिक मुक्त पंचायत व गांव के लक्ष्य को प्राप्त करने की बात कही. बैठक में जिला योजना पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी पंचानन उरांव, बीडीओ अदिति गुप्ता, सीओ ऋषिकेश मरांडी, डीडीएम नाबार्ड जे. बास्के, एलडीएम एस. चौधरी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.