- कर्मचारी का कॉन्ट्रिब्यूशन 12% से बढ़ाने पर भी विचार
- EPFO 3.0 में जून 2025 से बदलाव की तैयारी
फतेह लाइव, रिपोर्टर
केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में बड़े बदलाव की तैयारी में है. सूत्रों के अनुसार EPFO 3.0 के मसौदे के अनुसार कर्मचारियों को अब ATM से सीधे PF फंड निकालने की सुविधा देने पर विचार चल रहा है. माना जा रहा है कि अगले साल जून से ये सुविधा शुरू हो सकती है, लेकिन इसके जरिए एक तयशुदा रकम ही निकाली जा सकेगी. इससे ये होगा कि कर्मचारी इमरजेंसी के लिए पैसे तो निकाल सकेगा, लेकिन रिटायरमेंट के बाद भी पर्याप्त राशि अकाउंट में सुनिश्चित रहेगी. वहीं, EPF में कर्मचारी की ओर से मौजूदा 12% के अंशदान (कॉन्ट्रिब्यूशन) को भी बढ़ाने पर विचार चल रहा है. वर्तमान में कर्मचारी अपने मूल वेतन, महंगाई भत्ते और रिटेनिंग भत्ते का 12% योगदान करता है, जिसमें 8.33% वेतन पेंशन फंड में और 3.67% EPF में जाता है.
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एटीएम कार्ड जैसा होगा ईपीएफओ विड्रॉल कार्ड
डेबिट कार्ड के जैसा ही होगा ईपीएफओ कार्ड. इसे ईपीएफओ विड्रॉल कार्ड कहा जाएगा. इस कार्ड का इस्तेमाल एटीएम पर बैंक डेबिट के समान करके ईपीएफ खाते से पैसे निकाले जा सकेंगे. कर्मचारी संगठन की तरफ से पीएफ निकासी की प्रक्रिया को और लचीला बनाने की मांग की जा रही थी. इसलिए इस कार्ड को लाया जा रहा है. ईपीएफओ 3.0 (नए बदलाव) से कर्मचारी को जरूरत के वक्त तत्काल पैसे मिलने और रिटायरमेंट के लिए भी सुरक्षित रकम मिलने के बीच संतुलन बनाया जा सकेगा.
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पेंशन स्कीम में भी कर्मचारी अंशदान को बढ़ा सकेगा
केंद्र सरकार ने पेंशन स्कीम (EPS-95) में भी बदलाव का प्रस्ताव तैयार किया है. इसके तहत वर्तमान में लागू 8.33% के अंशदान को भी कर्मचारी बढ़ा सकेंगे. नियोक्ता (कंपनी) के अंशदान में कोई बदलाव नहीं होगा. उसे कर्मचारी की सैलरी के अनुपात में ये देना होगा. कर्मचारी को अंशदान और पेंशन फंड में कभी भी राशि बढ़ाने (टॉप अप) की सुविधा मिल सकेगी. कर्मचारी को PF सुविधाओं के प्रति जागरूक बनने के लिए पोर्टल को और इंटरेक्टिव बनाया जाएगा. EPFO 1.0 : खातों का रखरखाव मैनुअल तरीके से होता था. आवेदन और निकासी कागजी प्रक्रिया से होती थी. EPFO 2.0 : EPFO डिजिटल हुआ. ऑनलाइन पोर्टल सुविधा. कर्मचारी को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) मिला.
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पीएफ फंड से किस काम के लिए कितना पैसा निकाला जा सकता है
पीएफ फंड से घर का निर्माण करना हो या घर खरीदना हो तो कर्मचारी को 5 साल तक लगातार सर्विस की अवधि पूरा करना अनिवार्य होगा. घर खरीदने के लिए कर्मचारी की मासिक वेतन के 24 गुना राशि पीएफ फंड से निकाल सकते हैं. वहीं खरीद और निर्माण (दोनों) मामले में मासिक वेतन के 36 गुना के बराबन पैसा निकाला जा सकता है. मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए कोई शर्त नहीं हैं तथा मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए ब्याज के साथ ईपीएफ खाते में कर्मचारी के योगदान के बराबर राशि या उसके मासिक वेतन का 6 गुना, जो भी कम हो उतनी राशि निकाली जा सकती है. होम लोन का भुगतान – इसके तहत कर्मचारी को 3 साल तक लगातार सर्विस में होना आवश्यक है. इसके तहत 90 प्रतिशत तक राशि निकाली जा सकती है. घर की मरम्मत – कर्मचारी को घर के निर्माण के पूरा होने की तारीख से 5 साल तक निरंतर सेवा में हना चाहिए. इसमें कर्मचारी के मासिक वेतन के 12 गुना के बराबर राशि निकाली जा सकती है. शादी – एक कर्मचारी को सात साल तक लगातार सर्विस में होना चाहिए. इसके तहत ब्याज के साथ कर्मचारी के योगदान का 50 प्रतिशत तक निकाला जा सकता है.
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नौकरी जाने पर एक माह के बाद निकाल सकेंगे PF का 75% पैसा
PF विड्रॉल के नियम के तहत अगर किसी मेंबर की नौकरी चली जाती है तो वह एकग माह के बाद PF अकाउंट से 75% पैसा निकाल सकता है. इससे वह बेरोजगारी के दौरान अपनी जरूरतें पूरी कर सकता है. PF में जमा बाकी 25% हिस्से को जॉब छूटने के दो महीने बाद निकाला जा सकता है. PF निकासी इनकम टैक्स के नियम – कर्मचारी को यदि किसी कंपनी में सेवाएं देते 5 साल पूरे हो जाते हैं और वो PF निकालता है तो उस पर इनकम टैक्स की कोई लायबिलिटी नहीं होती. 5 साल की अवधि एक या इससे ज्यादा कंपनियों को मिलाकर भी हो सकती है. एक ही कंपनी में 5 साल पूरे करना जरूरी नहीं. कुल अवधि कम से कम 5 साल होना जरूरी होता है. अगर कर्मचारी नौकरी में 5 साल पूरे होने से पहले PF खाते से 50 हजार रुपए से ज्यादा राशि निकालता है तो उसे 10% TDS चुकाना होगा. वहीं अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है तो आपको 30% TDS देना होगा. हालांकि, अगर कर्मचारी फॉर्म 15G/15H सबमिट कराता है तो कोई TDS नहीं काटा जाता है.