• पति के दीर्घायु होने के लिए श्रद्धा और भक्ति से बरगद वृक्ष की पूजा

फतेह लाइव, रिपोर्टर

गिरिडीह जिले के शहरी क्षेत्र समेत पूरे जिले में वट सावित्री व्रत के अवसर पर सुहागिनों ने 16 श्रृंगार करके बरगद के पेड़ के चारों ओर परिक्रमा की और अपने पति की लंबी उम्र व सुखी जीवन के लिए प्रार्थना की. परंपरा के अनुसार विधिवत पूजा अर्चना की गई. इस दिन की विशेषता यह है कि मां सावित्री ने यमराज के सामने अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी, जिसके कारण यह व्रत भारतीय धर्म में स्त्रियों का एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है. वट सावित्री व्रत से महिलाएं अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं.

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वट सावित्री पूजा की धार्मिक महत्वता और परंपराएं

वट सावित्री पूजा के दौरान बरगद वृक्ष की परिक्रमा करना अनिवार्य माना जाता है क्योंकि ऐसा विश्वास है कि यमराज के पीछे जाने के दौरान सत्यवान के शव की देखभाल इसी वृक्ष ने की थी. पति के प्राण लौटने के बाद सावित्री ने बरगद वृक्ष का आभार व्यक्त करते हुए उसकी परिक्रमा की थी. इस शुभ अवसर पर गिरिडीह के विभिन्न हिस्सों में महिलाएं श्रद्धा और विधि-विधान के साथ पूजा करती नजर आईं, जिससे इस पर्व की सांस्कृतिक और धार्मिक गरिमा बनी रही.

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