फतेह लाइव, रिपोर्टर.
बीआई टी सिंदरी के असैनिक अभियंत्रण विभाग द्वारा संस्थान के प्लैटिनम जुबली महोत्सव के अंतर्गत बुधवार को “जियोसिंथेटिक्स के साथ खनन परियोजना” विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन विभाग के राजेंद्र प्रसाद हॉल में किया गया. इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में डॉ संजय कुमार शुक्ला, संस्थापक एवं मुख्य संपादक- इंटरनेशनल जर्नल ऑफ जियोसिंथेटिक्स एंड ग्राउंड इंजीनियरिंग स्विट्जरलैंड उपस्थित थे. कार्यक्रम के शुरुआत में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ देकर किया गया. तत्पश्चात मुख्य अतिथि प्रो (डॉ) पंकज राय,निदेशक बीआईटी सिंदरी , विशिष्ट अतिथि प्रो (डॉ) प्रमोद कुमार सिंह विभागाध्यक्ष खनन विभाग एवं उपस्थित सभी अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर परंपरागत तरीके से कार्यक्रम की औपचारिक रूप से शुरुआत की गई. इसके बाद संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत की गई कुलगीत ने सबका मन मोह लिया.
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असैनिक विभाग के विभागाध्यक्ष (डॉ.) जीतू कुजूर ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया. इसके बाद सभा को संबोधित करते हुए (डॉ.) माया राज नारायण राय ने आज के कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत किया, र सभी अतिथियों एवं राज्य के विभिन्न अभियंत्रण संस्थानों से आए हुए सभी विद्यार्थियों का इस कार्यशाला में स्वागत किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सह निदेशक बीआईटी सिंदरी प्रो (डॉ) पंकज राय ने इस आयोजन के लिए विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह का आयोजन आज की समय की मांग है एवं ऐसे कार्यशाला का आयोजन हर माह कराने की सलाह दी.
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मुख्य वक्ता डॉ शुक्ला ने जियोसिंथेटिक्स के विभिन्न पहलुओं और उनके विविध अनुप्रयोगों पर व्यावहारिक बातचीत की, विशेष रूप से खनन परियोजनाओं में उनकी प्रासंगिकता पर ध्यान केंद्रित किया. ‘जियोसिंथेटिक्स के साथ खनन परियोजनाएं’ शीर्षक वाली कार्यशाला ने बड़ी संख्या में श्रोताओं को आकर्षित किया, जिसमें भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) जैसे प्रमुख उद्योगों के प्रतिनिधि भी शामिल थे. उन्होंने खनन कार्यों के विभिन्न पहलुओं में जियोसिंथेटिक्स को एकीकृत करने के महत्व को रेखांकित किया, पूरे उद्योग में सुरक्षा, स्थिरता और दक्षता बढ़ाने में उनकी प्रभावकारिता पर प्रकाश डाला.
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कार्यक्रम के अंत में असैनिक अभियंत्रण विभाग के सहायक प्राध्यापक सह समन्वयक (डॉ) अभिजीत आनंद ने अतिथियों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया एवं धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की. कार्यक्रम में असैनिक अभियंत्रण विभाग के सभी स्नातक एवं स्नातकोत्तर के विद्यार्थी, सहित राज्य के विभिन्न संस्थानों के सैकड़ों छात्र उपस्थित रहें. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रो (डॉ.) विक्रमा पाण्डेय,(डॉ.) ब्रह्मदेव यादव प्रो (डॉ.) उदय कुमार सिंह, प्रो. प्रफुल्ल कुमार शर्मा, (डॉ.) माया राजनारायण रे, (डॉ.) सुमित कुमार, (डॉ.) कोमल कुमारी, (डॉ.) अभिजीत आनंद, प्रो. निपेन कुमार दास, प्रो. प्रकाश कुमार उरॉव, प्रो. इक़बाल शेख, प्रो. सरोज मीणा एवं प्रो. प्रशान्त रंजन मालवीय का योगदान रहा.