फतेह लाइव, रिपोर्टर.
बोकारो में तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज प्रथम फहीम किरमानी ने पिट्स मॉर्डन स्कूल गोमिया की छात्रा आरोही रानी मौत के मामले में पीटी शिक्षक चन्दन प्रताप सिंह का जमानत ख़ारिज कर दी गई. वहीं दो लोगों को जमानत दे दी गई.
मामला यह था की पिट्स मॉडर्न स्कूल के प्राचार्य और एनसीसी शिक्षक के लापरवाही के कारण तेनुघाट पंचायत की मुखिया नीलम श्रीवास्तव और सामाज सेवी संतोष श्रीवास्तव की इकलौती पुत्री आरोही रानी (14) नौवीं कक्षा की छात्रा की मौत रांची की ऑर्किड अस्पताल में 29 मई को ईलाज के दौरान हो गई।
वहीं मृतक के परिवार तेनुघाट निवासी ने आईईएल थाना प्रभारी को एक आवेदन देकर बताया था कि स्कूल के प्रिंसिपल बृज मोहन लाल दास एवं क्लास टीचर द्वारा उनकी बच्ची को एनसीसी में भेजने के लिए दस दिनों की स्वीकृति मांगी गई. इस आश्वासन के साथ की आपकी बच्ची एवं बच्चों का पूर्ण सुरक्षा भी प्रदान करने की जिम्मेदारी होगी.
स्कूल प्रबंधन की बातों पर विश्वास कर अपनी बच्ची को एनसीसी कैंप जाने की इजाजत दी. उसके बाद 13 मई 25 को अपनी बच्ची को स्कूल प्रिंसिपल को सुपुर्द किया. 18 मई को जब अपनी बच्ची से बात की तो वह बिलकुल स्वस्थ थी. फिर 22 मई को फोन किया तो फोन नहीं उठाया. कई बार फोन करने पर फोन नहीं उठाया. उसके बाद उसकी एक सहेली ने बताया कि आरोही रानी की तबीयत कुछ दिन से खराब है और आज अचानक तबीयत कुछ ज्यादा खराब हो गई.
तब स्कूल प्रिंसिपल से संपर्क किया, मगर संपर्क नहीं हो पाया. तब 23 मई को स्कूल जाकर पता किया. तब स्कूल प्रिंसिपल बृज मोहन लाल दास ने बताया कि उन्हें तबीयत खराब होने की कोई जानकारी नहीं है. पूछने पर पता चला कि स्कूल के तरफ से किसी भी शिक्षक या कर्मचारी को नहीं भेजा गया है. वहीं एनसीसी शिक्षक चंदन प्रताप सिंह बच्चियों एनसीसी कैंप में बिना किसी स्कूल प्रतिनिधि के छोड़ आए थे. उसके बाद संतोष कुमार एनसीसी शिक्षक साथ लेकर सिलवार कैंप गया. 23 मई को एनसीसी कैंप पहुंचा तो देखा उनकी पुत्री की तबीयत काफी खराब थी.
इलाज के लिए पूछा लेकिन एनसीसी के द्वारा बच्ची को घर ले जाने को कहा गया. उन्होंने तुरन्त अपने पुत्री को लेकर घर के लिए चल दिए. रास्ते में उसकी तबीयत और बिगड़ने लगी. तब रास्ते में स्वांग स्थित मां शारदे सेवा सदन लाया गया. जहां डॉक्टर उनकी पुत्री की स्थिति काफी नाजुक बताई एवं बेहतर इलाज के लिए रांची ले जाने को कहा एवं सलाह दिया कि बच्ची को ऑक्सीजन लगाकर की ले जाए. तब उसे ऑक्सीजन लगाकर उपचार के लिए तुरन्त ऑर्किड हॉस्पिटल रांची लेकर आए.
हॉस्पिटल में बताया गया कि तबीयत ज्यादा खराब है. बहुत सारी कोशिशों के बाद भी उनकी पुत्री का निधन 29 मई को हो गया. आगे बताया कि स्कूल प्रबंधन द्वारा लापरवाह के कारण उनकी बच्ची की जान गई. उसके बाद आई ई एल गोमिया के उपाध्यक्ष अरिन्दम दास गुप्ता, कोषाध्यक्ष रोहन सिन्हा, सदस्य आशीष सिंह, प्रभास कुमार झा, रागिब बेलाल साबरी, पिट्स मॉडर्न स्कूल के प्राचार्य बृजमोहन लाल दास एवं एनसीसी शिक्षक चंदन प्रताप सिंह के विरुद्ध उनकी पुत्री के हालात खराब होने की जिम्मेदारी है.
उनकी लापरवाही के कारण ही उनकी पुत्री आरोही रानी की मौत हुई है. आवेदन के बाद आई ई एल थाना में मामला दर्ज किया गया. उक्त मामले एनसीसी शिक्षक चन्दन प्रताप सिंह ने अपनी अंतरिम जमानत की अर्जी जिला जज प्रथम फहीम किरमानी की अदालत में पेश की थी, जो आज कोर्ट के द्वारा ख़ारिज कर दी गई.