- कैम्प लगाकर रैयतों का मुआवजा भुगतान और विभागीय समन्वय पर विशेष ध्यान
- जमशेदपुर में विकास परियोजनाओं के लिए विभागीय समन्वय जरूरी
फतेह लाइव, रिपोर्टर
समाहरणालय सभागार जमशेदपुर में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में भू-अर्जन और पथ निर्माण से जुड़ी विभिन्न विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठक हुई. बैठक में एडीसी भगीरथ प्रसाद, डीटीओ, उप नगर आयुक्त जेएनएसी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, संबंधित सीओ, एनएचएआई, पथ निर्माण विभाग, रेलवे समेत अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे. बैठक में विशेष रूप से एनएचएआई की फोरलेन एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना (पारडीह काली मंदिर-डिमना चौक-बालिगुमा) में विद्युत तार, जलापूर्ति पाइपलाइन, गैस पाइपलाइन आदि की यूटिलिटी शिफ्टिंग और एफआरए से संबंधित विभागीय समन्वय पर जोर दिया गया. इससे कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए.
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विकास परियोजनाओं की प्रगति पर उपायुक्त ने कसा शिकंजा
बैठक में पथ निर्माण विभाग की 18 परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान बताया गया कि 10 परियोजनाओं में रैयतों को मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया जारी है जबकि शेष 8 परियोजनाओं में भुगतान प्रक्रियाधीन है. उपायुक्त ने मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया को तीव्र करने के लिए कैम्प मोड में भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को पूर्व सूचना देकर शिविर आयोजित किए जाएं ताकि सभी रैयत अपना मुआवजा प्राप्त कर सकें. इसके अलावा बुड़ामारा से चाकुलिया रेललाइन परियोजना में आरओबी निर्माण पर भी चर्चा की गई और संबंधित एजेंसियों को समन्वय के साथ आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया. उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि भू-अर्जन, मुआवजा भुगतान, यूटिलिटी शिफ्टिंग और एफआरए मामलों में सभी विभागों को सामंजस्य के साथ काम करना होगा ताकि विकास कार्यों में कोई बाधा न आए.