- अनुसूचित जनजाति व बिरहोर परिवारों के विकास हेतु समयबद्ध योजना कार्यान्वयन पर जोर
फतेह लाइव, रिपोर्टर
गिरिडीह समाहरणालय सभागार में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में PM-JANMAN एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DA JGUA) के तहत विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में इस अभियान से जुड़ी सभी योजनाओं की बारीकी से समीक्षा की गई तथा लक्ष्य अनुरूप शत-प्रतिशत प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए. उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों को अनुसूचित जनजाति समुदाय और बिरहोर परिवारों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने तथा पारदर्शिता के साथ क्रियान्वयन करने का सख्त निर्देश दिया.
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जिला प्रशासन ने जनजातीय विकास के लिए रणनीति बनाई
जिला कल्याण पदाधिकारी जयप्रकाश मेहरा ने बैठक में बताया कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसमें गिरिडीह के 09 प्रखंडों के 143 गांवों के 82,601 अनुसूचित जनजाति परिवारों को लक्षित किया गया है. अभियान के तहत 5 वर्षों (2028-29 तक) में 17 मंत्रालयों की 25 से अधिक योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा. इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, विद्युतीकरण, मोबाइल कनेक्टिविटी, आयुष्मान कार्ड, उज्ज्वला योजना, आंगनवाड़ी केंद्र, छात्रावास व क्लासरूम निर्माण, स्किल डेवलपमेंट सेंटर आदि शामिल हैं.
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जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत विकास योजनाओं का विस्तार
उपायुक्त ने बताया कि ब्लॉक लेवल इम्प्लीमेंटेशन टीम (BLIT) की भूमिका महत्वपूर्ण है, जो ग्राम सभा में आवश्यकताओं की गैप एनालिसिस कर अभियान की सफलता सुनिश्चित करेंगी. उन्होंने जिला स्तरीय विभागों को समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए कड़े निर्देश दिए. साथ ही बिरहोर परिवारों को केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने, टेलीकॉम कनेक्टिविटी, सड़क कनेक्टिविटी, जल जीवन मिशन, विद्युतीकरण, सोलर पावर और स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार पर जोर दिया.
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बिरहोर परिवारों के लिए विकास कार्यों को मिलेगी प्राथमिकता
बैठक में पीएम उज्ज्वला योजना की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि 148 गांवों में योग्य एवं वंचित परिवारों को एलपीजी गैस कनेक्शन उपलब्ध कराना प्राथमिकता है. जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में विद्यालयों में अतिरिक्त क्लासरूम का निर्माण एवं छात्रावास के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया. पीरटाड़ प्रखंड के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में पोषण वाटिका के निर्माण हेतु निदेशक डीआरडीए को निर्देश दिए गए. ग्रामीणों को मत्स्य पालन, पशुपालन योजनाओं से जोड़ने तथा वन अधिकार पट्टा के तहत आच्छादित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
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जनजातीय शिक्षा व पोषण कार्यक्रमों को मिलेगी नई गति
बैठक में जिला के विभिन्न विभागों के अधिकारी जैसे निदेशक डीआरडीए, सिविल सर्जन, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, विद्युत विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, कृषि पदाधिकारी, मत्स्य पदाधिकारी, पशुपालन पदाधिकारी, BSNL प्रबंधक आदि उपस्थित थे. उपायुक्त ने सभी विभागों को पूरी पारदर्शिता, संवेदनशीलता और समर्पण के साथ योजना कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि अनुसूचित जनजाति एवं बिरहोर परिवारों को समुचित लाभ पहुंच सके.