- म्यूटेशन, सीमांकन, परिशोधन और विवाद समाधान कार्यों में सुधार के निर्देश
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विकास योजनाओं के लिए भूमि अधियाचना प्रस्तावों पर शीघ्र कार्रवाई के निर्देश
फतेह लाइव, रिपोर्टर
समाहरणालय सभागार में मंगलवार को उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में राजस्व, निबंधन और भूमि सुधार से संबंधित कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में म्यूटेशन, भूमि सीमांकन, परिशोधन, सर्टिफिकेट केस, ऑनलाइन लगान, भूमि विवाद समाधान दिवस, सीओ मुलाकात कार्यक्रम सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि म्यूटेशन के प्रत्येक आवेदन का निपटारा 30 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि 30 दिन से अधिक लंबित या रिजेक्ट किए गए मामलों में कारण का स्पष्ट उल्लेख हो और आवेदक को संतोषजनक उत्तर दिया जाए। समीक्षा में यह सामने आया कि जनवरी से जुलाई 2025 तक 7691 म्यूटेशन आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 48% का निपटारा हुआ, जबकि 32% आवेदन त्रुटियों के कारण रिजेक्ट हुए। उपायुक्त ने इस पर चिंता जताई और सीओ को निर्देशित किया कि सही दस्तावेजों की जानकारी देकर रिजेक्शन कम किया जाए।
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लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के निर्देश
बैठक में सुओ-मोटो म्यूटेशन, परिशोधन, भूमि विवाद समाधान और राजस्व वाद प्रबंधन प्रणाली (RCMS) पर भी चर्चा की गई। सुओ-मोटो म्यूटेशन के 4673 आवेदनों में 2228 का निपटारा हुआ, जबकि 1475 रिजेक्ट हुए। वहीं परिशोधन पोर्टल पर 9624 आवेदनों में से 5471 का निपटारा किया गया और लंबित आवेदन सिर्फ 4% रह गए हैं। उपायुक्त ने सभी सीओ को निर्देशित किया कि आवेदकों को स्पष्ट चेकलिस्ट प्रदान की जाए, ताकि वे अनावश्यक रूप से कार्यालयों के चक्कर न लगाएं। उन्होंने RCMS में लंबित वादों की नियमित निगरानी और पोर्टल पर अद्यतन प्रविष्टि का निर्देश भी दिया। सीमांकन कार्यों की समीक्षा करते हुए लंबित मामलों को प्राथमिकता देने को कहा। ऑनलाइन लगान की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने भू-स्वामियों को डिजिटल भुगतान के प्रति जागरूक करने को कहा ताकि व्यवस्था अधिक पारदर्शी और जनहितकारी बने।
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डिजिटल प्रणाली से राजस्व कार्यों में बढ़ेगी पारदर्शिता और रफ्तार
विभिन्न विभागों द्वारा विकास योजनाओं के लिए भेजे गए भूमि अधियाचना प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने सभी प्रस्तावों की विधिसम्मत जांच कर शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए समय पर भूमि उपलब्ध कराना अनिवार्य है। उन्होंने बैठक में मौजूद सभी पदाधिकारियों से कहा कि सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त रखना और अतिक्रमण के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करना प्राथमिकता में शामिल हो। बैठक में अपर उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी घाटशिला, जिला भू अर्जन पदाधिकारी, एलआरडीसी धालभूम, सब रजिस्ट्रार और सभी अंचल अधिकारी उपस्थित थे।