उधर – स्क्रैप कारोबारी टीमल की गिरफ्तारी पर ये हो रही चर्चा
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
चक्रधरपुर रेल मंडल के टाटानगर स्टेशन में रेल कोच में केबुल चोरी की ताबड़तोड़ घटनायें हो रही हैं. इन चोरी की घटनाओं में शिकायत दर्ज होने के बाद जहां रेलवे महकमे की नींद उड़ा दी है. वहीं, रेल संपत्ति की सुरक्षा के लिए टाटानगर के जिम्मेवार अधिकारी भी दबाव में आ गए हैं. उच्च अधिकारियों का दबाव उन पर ऐसा बना है कि चोरी की घटनाओं में शामिल अपराधियों को पकड़ने में असफल कुछ ऐसी कार्रवाई कर दे रहे हैं, जिसकी निष्पक्ष जांच होगी तो कई की गर्दन फंस सकती है.
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार टाटानगर स्टेशन में बीते कई महीनों से केबुल चोरी की घटनाओं ने रेलवे की नाक में दम कर दिया है. इन घटनाओं के कारण ट्रेनें मार खा रही हैं, जिसका खामियाजा रेलवे को नुकसान से भुगतना पड़ रहा है. इन घटनाओं की गूंज दक्षिण पूर्व रेलवे तक भी पहुंच चुकी है, जहां से एक उच्च अधिकारी ने सीकेपी मंडल मुख्यालय आरपीएफ को टाटानगर में रिमार्क किया है? सूत्रों के अनुसार इस कार्रवाई के बाद आरपीएफ के अधिकारी दबाव में आ गए हैं, लेकिन उसके बाद भी चोरी मामले में शामिल अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं.
सीआईबी पर भी उठ रहे सवाल
इन चोरी की घटनाओं में टाटानगर आरपीएफ सीआईबी की कार्यशैली पर भी उंगलियां उठने लगी है. टाटानगर में इस विंग पर जोन के बहुत पुराने तेज तर्रार निरीक्षक पदस्थापित हैं. उनके नीचे की टीम में भी काबिल पदाधिकारी और जवान शामिल हैं, लेकिन एसआईबी टीम की सक्रियता देखते ही बनती है, जो जांच का विषय है.
स्क्रैप व्यवसायी को पोस्ट बुलाकर रडार पर लिया?
जानकारी के अनुसार भारी दबाव के बीच गुरुवार को एक मामला टाटा पोस्ट में आया, जहां जुगसलाई घोड़ा चौक में पार्टनरशिप पर स्क्रैप का काम करने वाले आदित्यपुर के एक स्क्रैप व्यवसायी जयसवाल को गिरफ्तार किया गया. उसके पास से 40 किलो ताम्बा की रिकवरी दिखाई गई, हालांकि सूत्र बताते हैं कि उक्त स्क्रैप कारोबारी को पहले पोस्ट बुलाया गया था. इसके बाद उसे टाल ले जाया गया, जहां जला हुआ दो किलो ताम्बा बरामद होने की सूचना है, जिसकी चर्चा स्क्रैप सिण्डिकेट और आरपीएफ महकमे में जोरों से हो रही है. चर्चा हो रही है कि उक्त कारोबारी अगर गलत करता तो पोस्ट क्यों जाता?
दूसरी ओर, टीमल जयसवाल पर हुई यह कार्रवाई स्क्रैप सिण्डिकेट में पिछले दिनों आदित्यपुर में हुए कुछ खेलों को लेकर भी मानी जा रही है, जिसके तार बर्मामाइंस कैरेज कॉलोनी में रेलवे की संपत्ति का काम करने वाले लाइजनर, जो इन दिनों आदित्यपुर में फ्लैट में रहता है. उससे जुड़े होने की चर्चा है. कुल मिलाकर इन सब मामलों की यदि उच्च स्तरीय जांच होती है तो यह बड़ा खुलासा होगा कि केबुल चोरी की घटना बहुत बड़ी है, जिसमें कई विभाग के लोगों की भूमिका जांच के घेरे में है. उक्त लाइजनर से आरपीएफ के कई लोगों से बात होती है, जिसकी सच्चाई उसके मोबाइल का सीडीआर जांच करने से सामने आ सकती है.
टीमल को बताया जाता है आरपीएफ का मुखबिर
वैसे तो टीमल जयसवाल स्क्रैप व्यवसायी है, लेकिन उसे आरपीएफ के एक अधिकारी का मुखबिर भी बताया जाता है. दो महीने पहले जेम्को में एक स्क्रैप टाल पर छापेमारी में टीमल का हाथ होने और कुछ स्क्रैप माफियाओं की गोपनीय खबरें पुलिस व मीडिया तक लीक करने के कारण ही उसे गत् छह महीने से सुनियोजित तरीके से टारगेट में रखा गया है. दो अधिकारियों के बीच के आपसी समन्वय न होने के कारण इन दिनों यह खेल भी देखने को मिल रहा है. जेम्को के इस मामले में मन्नू जेल गया था, जबकि उसका पार्टनर आजतक कार्रवाई से बचा हुआ है, जबकि वह भी नामजद बनाया गया था.