फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर के साकची गुरुद्वारा में प्रधान पद को लेकर हुए चुनाव में जमकर हंगामा हुआ. भारी विरोध और दो उम्मीदवारों द्वारा चुनाव का बहिष्कार किए जाने के बावजूद सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी मतदान कराने में सफल रही. मतगणना के बाद चुनाव कमेटी ने हरविंदर सिंह मंटू को विजेता घोषित किया. इससे पूर्व चुनाव कराने से पूर्व सीजीपीसी को बहुत मुश्किलें झेलनी पड़ी. पंडाल टूटा. हाथपाई हुई. पुलिस ने लाठियाँ चलाकर खदेड़ा गया.
जानकारी के अनुसार साकची गुरुद्वारा में रविवार सुबह पूरा परिसर रणक्षेत्र में तब्दील रहा. पहले प्रधान पद के उम्मीदवार जसबीर सिंह गांधी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और चुनाव कमेटी से मतदान प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की. इनका कहना था कि उन्होंने मतदाता सूची पर कुछ आपत्तियां दर्ज कराई थी, जिसका समाधान हुए बिना मतदान कराया जाना गलत है.
चुनाव कमेटी जब इस पर सहमत नहीं हुई तो निशान सिंह समर्थक दल-बल के साथ पहुंचे. पहले मतदान केंद्र को जाने वाले रास्ते को घेरकर धरना प्रदर्शन किया. इस बाद हरविंदर सिंह मंटू समर्थकों द्वारा लगाए गए पोलिंग बूथ को भी गिरा दिया. वहीं, जब वे मतदान केंद्र को भी गिराने का प्रयास किया तो मंटू समर्थकों के साथ उनकी हाथा-पाई हो गई.
इसके बाद पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी, जिसके बाद दोनों पक्षों को मतदान केंद्र से बाहर निकाला गया. मजिस्ट्रेट दीपक सिंकू व साकची थाना प्रभारी ने केवल उन्हीं मतदाताओं को अंदर आने की अनुमति दी जिनके पास मतदान पर्ची थी. शाम चार बजे मतगणना हुई. इसमें 1831 मतदाता में से 904 ने मतदान किया. इसमें हरविंदर सिंह मंटू को सबसे अधिक 823, जसबीर सिंह गांधी को 37 व परमजीत सिंह को 33 मत मिले.
इसके बाद सीजीपीसी ने हरविंदर सिंह मंटू को प्रधान पद की घोषणा की। जहां उन्होंने गुरुघर पहुंचकर माथा टेका और निष्पक्ष व पारदर्शी चुनाव कराने के लिए सीजीपीसी का आभार व्यक्त किया। बहरहाल, यह विवाद समाप्त नहीं हुआ है. सीजीपीसी को अभी बहुत सी मुश्किलें झेलनी होंगी. मंटू को प्रधान बनाने और ऑफिस दिलाने में समाज को बहुत कुछ देखना होगा.
सुनिए बोल
जिला प्रशासन व सीजीपीसी की देखरेख में चुनाव हुआ। मैं पूरी संगत को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मुझे जो जिम्मेदारी मिली है गुरुघर की सेवा करते हुए उसका पूरी श्रद्धा से निर्वहन करूंगा। यह बातें हरविंदर सिंह मंटू ने कहीं.