- मानवाधिकार उल्लंघन और मानसिक उत्पीड़न के आरोपों को लेकर आयोग ने किया मामला दर्ज
- भ्रष्टाचार और अमानवीयता के खिलाफ न्याय की मांग
फतेह लाइव, रिपोर्टर
गिरिडीह जिले के डुमरी प्रखंड के बलथरिया पंचायत के पंचायत सेवक सुखलाल महतो की आत्महत्या मामले में आजसू नेता संजय मेहता ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली को पत्र लिखकर न्याय की मांग की है. संजय मेहता ने आयोग के अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में बताया कि यह मामला केवल मानवाधिकार उल्लंघन नहीं बल्कि सरकारी अधिकारियों द्वारा कार्यस्थल पर मानसिक उत्पीड़न का गंभीर उदाहरण है. उन्होंने बताया कि मृतक सुखलाल महतो ने अपनी आत्महत्या से पहले प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) समेत तीन अन्य अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना और सार्वजनिक अपमान के गंभीर आरोप लगाए थे.
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डुमरी कांड में सरकारी उत्पीड़न के आरोप
संजय मेहता ने पत्र में यह आशंका जताई है कि यह मामला सरकारी पदाधिकारियों से जुड़ा होने के कारण तथ्यों में छेड़छाड़ की जा सकती है और सत्य को दबाने का प्रयास हो सकता है. उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 21 और यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स के अनुच्छेद 5 का हवाला देते हुए कहा कि हर नागरिक को सम्मानपूर्ण जीवन और अमानवीय व्यवहार से मुक्ति का अधिकार है, जिसका इस घटना में उल्लंघन हुआ है. मानवाधिकार आयोग ने संजय मेहता के पत्र पर संज्ञान लेते हुए दिनांक 16 जून 2025 को केस संख्या 14015/IN/2025 के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
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मानवाधिकार आयोग ने डुमरी आत्महत्या मामले में लिया संज्ञान
संजय मेहता ने आयोग से निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह घटना डुमरी प्रखंड में व्याप्त भ्रष्टाचार और अमानवीयता की गवाही है. यदि ऐसे मामलों को समय पर न्याय नहीं मिला, तो भविष्य में ये प्रवृत्तियाँ और गंभीर रूप ले सकती हैं. उन्होंने प्रशासन से भी मांग की कि इस मामले को लेकर पारदर्शी और जिम्मेदार रवैया अपनाया जाए ताकि दोषियों को कानून के तहत कड़ी सजा मिल सके.