फतेह लाईव की खबर के बाद अभिजीत कंपनी में पसरा सन्नाटा, देखें – Video
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
झारखंड में काला धन,अवैध व्यापार और लाईजनिंग पिछले कुछ महिनों से मीडिया में सुर्खियां बटोर रही हैं.राजनेता और अधिकारी जेल जा रहें हैं तो कुछ रसूखदार भी अपनी बारी का इंतजार करते हुए डर रहे हैं.इसी तरह अभिजीत कंपनी की जांच में अगर सीबीआई की इंट्री हो गई तो इस कहानी में भी कहीं न कहीं बड़े-बड़े अधिकारियों की शामत आनी तय है.कारण है कि एक ही जगह बार-बार 5-6 सालों से खुलेआम चोरी और खबरों या बड़े विवादों के बाद मामलों का दर्ज होना इस बात की ओर इशारा करते हैं कि उच्च अधिकारियों ने कनीय अधिकारियों को खुली छूट दे रखी थी.

सूत्र बताते हैं कि कभी एसीबी की गिरफ्त में आए एक बड़े अधिकारी की जिले में पोस्टिंग के बाद जो लूट हुई थी. उसकी कारस्तानी जान मुख्यालय भी हिल गया था. अधिकारी की लाईजनिंग ऐसी थी कि उसे हटाने की कोई भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था. हर अवैध धंधों में उसकी सीधे इंट्री थी और 10-12 लाईजनर हर महीने मोटी रकम उसे पहुंचा देते थे. नेताजी हो या पुलिस-प्रशासन सबको फायदा मिल रहा था, लेकिन उसकी कहानी दो साल तक ही चली और गंदगी इतनी हुई कि मुख्यालय तलब करना पड़ा.
आज की कहानी लाईजनर की है जो रेलवे पुलिस के अधिकारियों के लिए न सिर्फ पैसे वसूलने में चर्चित रहा है, बल्कि धनबाद से जमशेदपुर आकर अधिकारियों के धंधे को काला-सफेद भी करने में चर्चित रहा है.
अभिजीत कंपनी में सुनियोजित चोरी का स्क्रैप सरायकेला थाना क्षेत्र के मेन रोड में दीपक गुप्ता और जमशेदपुर के जेम्को चौक पर अशोक यादव के गोदाम तक जाता है. इन दोनों जगह धंधे का मन्नू सिंह नामक लाईजनर भी चर्चित पार्टनर है जो रेलवे के कुछ अधिकारियों के पैसे को जमीन, मकान, फ्लैट और स्क्रैप में लगा रहा है.
दबंगई से लाल बिल्डिंग में रेल के क़्वार्टर पर कब्ज़ा कर रहने वाला मन्नू सबसे पहले धनबाद से आकर रेलवे के अधिकारियों के लिए स्क्रैप माफियाओं से मंथली उठाया करता था, लेकिन जब उसने देखा कि स्क्रैप के धंधे में रातों-रात लखपति बनने का अवसर है तो वह इस धंधे में पार्टनर बनकर प्रवेश कर गया.
सुंदरनगर में तीन दिन पहले पकड़ा गया था रेलवे का स्क्रैप, मामला हुआ मैनेज
सूत्र बताते हैं कि मन्नू सिंह का चोरी का रेलवे कटिंग स्क्रैप राजेन्द्र नामक व्यक्ति ने खरीद लिया था और फिर उसके यहां सुंदरनगर में रेलवे के किसी टीम ने छापामारी कर दी. हालांकि मामला ले-देकर रफा-दफा कर दिया गया और आनन-फानन में सारा स्क्रैप हटा दिया गया.
ऐसे अनगिनत मामले कोल्हान में हैं. जहां छापामारी भी मैनेज हो जाती है.अभिजीत का चोरी गया स्क्रैप से जुड़े मामले न जाने कितने-कितने बार मैनेज हुए होंगे बताया नहीं जा सकता.
मन्नू की गाड़ियों में लगा है पुलिस का लोगो
मन्नू सिंह की बुलेट और बोलेरो पर लगा पुलिस का लोगो देखकर हैरानी होगी लेकिन उसके पास ऐसी कई गाड़ियां हैं.अब यह सभी जानते हैं कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वाहनों पर किसी भी तरह के नाम,चिह्न या मार्का लगाना मना है और इसके लिए सजा या जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है.
सूत्र बताते हैं कि जमशेदपुर के बागबेड़ा के कुछ रेलवे क्वार्टरों पर भी मन्नू ने कब्जा कर रखा है. जहां रोजाना रात सट्टा, स्क्रैप और पुलिस वालों की महफ़िल सजती है. आरा के एक आरपीएफ का दूर का रिश्ता (साला) भी मन्नू से है, जिसने उसे जमशेदपुर में तब बसाया. जब उनकी पोस्टिंग थी, ताकि वह अपने काला धन कलेक्शन करवा सके. अधिकारियों का लाखों रूपए का पैसा सूद ब्याज में चलाना भी मन्नू का पेशा है.
अगले अंक तक जारी….