फतेह लाइव, रिपोर्टर.
सरायकेला खरसावां में चोर गिरोह के बीच वर्चस्व की लड़ाई और माल की ढुलाई में बुरूडीह गांव स्थित बंद पड़ी अभिजीत कंपनी से लोहा व कॉपर चोरी करने के लिए कई बार फायरिंग की घटनाएं भी हुई है.
सूत्र बताते हैं कि इसमें कुछ मामलों पर तो खुलासा भी नहीं हुआ है, लेकिन जो मामला चर्चा में आ गया या फिर जिससे सुनियोजित चोरी बंद होने का खतरा मंडराता था, तो उसमें गिरफ्तारियां भी होती रहीं हैं.
पुलिस ने ऐसे ही एक मामले में पांच चोर जीवन होनहागा, उदय हेंब्रम, मोहम्मद हीरा उर्फ अनवर हुसैन, तारक हरिजन व शरीफ अंसारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. सरायकेला के तत्कालीन सर्किल इंस्पेक्टर आलोक दुबे ने पत्रकारों को बताया था कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि 4 अगस्त 2021 को कंपनी में चोरी की घटना को अंजाम देने के दौरान ही फायर हुआ था. इस मामले पर पुलिस ने खरसंवा थाना में आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज करते हुए 06 अगस्त 2021 को 5 आरोपियों को जेल भेजा था.
पुलिस की मानें तो सबसे पहले बुरूडीह के जीवन होनहागा को गिरफ्तार किया गया था, जिसकी निशानदेही पर सरायकेला कोर्ट मोड़ के पास से कांड में शामिल अन्य अभियुक्त उदय हेंब्रम व मोहम्मद हीरा उर्फ अनवर हुसैन को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के क्रम में यह बात सामने आयी कि कंपनी के अंदर फायरिंग व चोरी की घटनाएं हुई थी. पुलिस ने छापामारी करते हुए कदमडीहा में भाड़े के मकान में रह रहे तारक हरिजन व शरीफ अंसारी को भी गिरफ्तार किया था.
इस घटना में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सर्किल इंस्पेक्टर आलोक दुबे ने खुलासा किया था कि मामले में एक सिक्योरिटी गार्ड की भूमिका है, जिसकी जांच की जा रही है.
अब यह सिक्योरिटी गार्ड कौन है ये तो सभी जानते हैं लेकिन यह कैसी जांच थी जिसमें आज तक सिक्योरिटी गार्ड गिरफ्तार ही नहीं हुआ. मामला 2021 का है जब खरसावां थाना में प्रभारी प्रकाश रजक पदस्थापित थे, जबकि सरायकेला थाना में प्रभारी मनोहर कुमार थे. फिलहाल आलोक दुबे और प्रकाश रजक जमशेदपुर ट्रांसफर होकर आ गये, जबकि तत्कालीन सरायकेला थानेदार मनोहर कुमार पर हाजत में नाबालिग की मौत मामले में जांच चल रही है.
कुछ इसी तरह की घटनाएं 2023 में भी घटित हुई थी लेकिन मामला सिर्फ इसलिए दबा रहा क्योंकि धंधा बंद हो सकता था. 8 अक्टूबर 2023 को थाना प्रभारी पिंटू महथा द्वारा दो लोगों को जेल भेजा गया था.इसमें पुलिस ने सहदेव महतो और संजय मुर्मू को बुरूडीह गांव के सरकारी हाई स्कूल के पास से पिस्तौल और जिंदा गोली के साथ गिरफ्तार दिखाया गया.
सूत्र बताते हैं कि हथियार के साथ जेल भेजे गए सहदेव और संजय की अदावत स्क्रैप माफिया मोहम्मद चांद से थी और ये दोनों उससे माल ढुलाई के एवज में रंगदारी मांगते थे. इधर चांद भी चोर गिरोह के हथियार बंद दस्ते के साथ देर रात माल ढुलाई करता और कोलाबिरा में गिराया करता था. जब चांद ने पैसे नहीं दिए तो सहदेव महतो और संजय मुर्मू ने उसका माल ढुलाई करते वीडियो भी बना लिया था. इस घटना के कुछ ही दिन बाद सहदेव और संजय हथियार सहित गिरफ्तार कर लिए गए. धंधा फिर से सुनियोजित तरीके से चलता रहा और चांद की चांदी हो गई.
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