फतेह लाइव, डेस्क.
हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर और अपनी कॉमेडी से सबको हंसाने वाले गोवर्धन असरानी का निधन हो गया. लंबी बीमारी के बाद दिवाली की शाम सोमवार लगभग 4 बजे वह इस दुनिया को छोड़कर चले गए. असरानी ने हिंदी सिनेमा में अपना बड़ा योगदान दिया था. उनके कई किरदार हैं जो दर्शकों के दिल में बसे हुए हैं.

असरानी ने 5 दशक तक काम किया है और 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. उनकी कॉमेडी और जबरदस्त एक्टिंग हर बड़ी फिल्म की बैकबोन थी.

1970 में असरानी को सबसे ज्यादा पॉपुलैरिटी मिली. उनकी कई सक्सेसफुल फिल्में हैं मेरे अपने, कोशिश, बावर्ची, परिचय, अभिमान, चुपके-चुपके, छोटी सी बात, रफू चक्कर और उनका सबसे हिट किरदार जेलर वाली फिल्म शोले. उनकी डायलॉग डिलीवरी इतनी परफेक्ट होती थी कि ना सिर्फ दर्शक बल्कि क्रिटिक्स भी उनकी तारीफ करते नहीं थकते थे.

असरानी ने कई फिल्मों में लीड रोल भी किए हैं, जैसे चला मुरारी हीरो बनने जिसे उन्होंने डायरेक्ट भी किया था और लिखा भी था. उन्होंने सलाब मेमसाब फिल्म भी डायरेक्ट की थी. गुजराती सिनेमा में भी उन्होंने अपना कमाल दिखाया है. अंग्रेजों के जमाने के जेलर वाले डायलॉग को शायद ही कोई भुला हो.

असरानी के मैनेजर बाबूभाई थिबा ने बताया कि वह थोड़े अस्वस्थ थे. सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें भर्ती कराया गया था. आज अपराह्न तीन बजे उनका निधन हो गया. चिकित्सकों ने हमें बताया कि उनके फेफड़ों में पानी जमा हो गया था.

असरानी का अंतिम संस्कार शाम सांताक्रूज़ श्मशान घाट पर किया गया, जिसमें परिवार और करीबी मित्र शामिल हुए. थिबा ने कहा कि हमने उनके निधन के बारे में किसी को सूचित नहीं किया, क्योंकि उनकी इच्छा थी कि हम इसे निजी रखें. असरानी के परिवार में उनकी पत्नी हैं.
जयपुर में हुआ था जन्म
आम तौर पर उन्हें असरानी नाम से ही संबोधित किया जाता था लेकिन उनका पूरा नाम गोवर्धन असरानी था, और उनका जन्म 1 जनवरी 1941 को जयपुर में हुआ था. अपनी कॉमेडी स्टाइल के चलते सबको हंसाकर लोटपोट कर देने वाले असरानी ने 1960 के दशक में फिल्मी करियर की शुरुआत की थी.
400 से अधिक फिल्मों में किया काम
असरानी ने अपने फिल्मी करियर में 400 से अधिक फिल्मों में काम किया था. इसके चलते उनकी एक अलग ही फैन फॉलोइंग भी रही है. उन्होंने ‘बावर्ची’, ‘चुपके चुपके’ और ‘खट्टा मीठा’ जैसी फिल्मों के अलावा आईकॉनिक फिल्म शोले में भी काम किया था, जिसमें उन्होंने ‘अंग्रेजो के जमाने के जेलर’ का किरदार निभाया था. इस किरदार को आज भी खूब पसंद किया जाता है.
350 फिल्मों में काम करने वाली असरानी के कुछ फेमस डायलॉग्स आपको बता रहे हैं.
फिल्म शोले
आधे इधर जाओ, आधे इधर जाओ, और बाकी हमारे साथ आओ. (फिल्म शोले 1975 में रिलीज हुई थी और इसके डायरेक्टर रमेश सिप्पी थे.)
पत्नी के लिए कितनी संपत्ति छोड़ गए असरानी
रिपोर्ट्स की मानें तो असरानी अपनी पत्नी मंजू के लिए करीब 40-50 करोड़ की संपत्ति छोड़ गए हैं. बताया जा रहा है कि उन्होंने ज्यादातर दौलत फिल्मों, फिल्मों का निर्देशन, ब्रांड एंडोर्समेंट और वेब सीरीज में अभिनय कर कमाई थी.
एक्ट्रेस रही है असरानी की पत्नी
कम लोगों को पता हैं कि असरानी की पत्नी मंजू बंसल एक्ट्रेस रही हैं. उन्होंने कुछ फिल्मों में तो असरानी के साथ भी काम किया था. इसी दौरान में दोनों में प्यार हो गया और फिर शादी कर ली.
जानें असरानी के परिवार के बारे में
असरानी का जन्म जयपुर में एक सिंधी हिंदू परिवार में हुआ था. उनकी चार बहनें और तीन भाई थे. असरानी के बेटे नवीन असरानी ने फिल्मी करियर न अपनाकर मेडिकल फील्ड में करियर बनाया. उनका बेटा डेंटिस्ट है.
असरानी ने करियर के शुरुआत में थिएटर में काम कर की. 1964 में असरानी ने पुणे में फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया और 1966 में अपना कोर्स पूरा किया. उन्हें हिंदी फिल्मों में पहला ब्रेक 1967 में आई फिल्म हरे कांच की चूड़ियां में मिला था. इसमें उन्होंने एक्टर बिस्वजीत के दोस्त का किरदार निभाया था.
असरानी की आखिरी फिल्म कौन सी थी
असरानी लगातार फिल्मों में काम कर रहे थे. वे आाखिरी बार 2023 में आई फिल्म नॉन स्टॉप धमाल में नजर आए थे. इसके पहले वे 2023 में आई ड्रीम गर्ल 2, 2021 में बंटी और बबली 2, 2020 में इट्स माई लाइफ जैसी फिल्मों में भी नजर आए थे.


