फतेह लाइव रिपोर्टर
सिन्दरी आंचलिक सत्संग परिवार (SKSND) के तत्वावधान में परम प्रेममय युग पुरुषोत्तम श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र जी का 137वां जन्म महोत्सव रविवार को बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया. यह आयोजन सिन्दरी के गुरुद्वारा परिसर में किया गया. महोत्सव को अनुकलाब्द 79 के रूप में भी जाना जाता है. श्री श्री ठाकुर जी की प्रेरणादायक वाणी : “एक की चाह करते समय दस की चाह मत कर बैठो.एक का ही जिससे चरम हो, वही करो. सब कुछ पाओगे.” श्री श्री ठाकुर जी की यह वाणी हमें एकनिष्ठता, समर्पण और साधना की शक्ति का महत्व सिखाती है. यह पावन महोत्सव श्रद्धालुओं को अध्यात्मिक और नैतिक शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ समाज में प्रेम, सेवा, और अनुशासन के महत्व को स्थापित करता है.
इसे भी पढ़ें : Melbourne : चौथे दिन स्टंप तक ऑस्ट्रेलिया की बढ़त 333 रन की पांचवें दिन मुकाबला होगा रोमांचक
कार्यक्रम का विवरण
वेद मांगलिक कार्यक्रम.
प्रभात फेरी और उषा कीर्तन.
समवेत विनती, प्रार्थना एवं नामजप.
धर्मग्रंथों से वाणी पाठ.
भजन-कीर्तन और भक्तिमूलक संगीत.
धर्मसभा: विषय – “धर्म में सभी वचन व नियम का महत्व.”
धर्मसभा के बाद धन्यवाद ज्ञापन.
भंडारा (प्रसाद वितरण).
भक्तिमूलक संगीत.
समवेत प्रार्थना एवं प्रसाद वितरण.
विशेष सुविधाएँ और अनुरोध
महोत्सव में दीक्षा की सुव्यवस्था उपलब्ध है. इच्छुक श्रद्धालु दीक्षा ले सकते हैं.
इसे भी पढ़ें : Chakradharpur : तरूण हुरिया ने संभाला चक्रधरपुर मंडल के प्रबंधक का कार्यभार
महोत्सव का महत्व
यह महोत्सव श्री श्री ठाकुर जी के जीवन, आदर्शों, और उनके द्वारा स्थापित सत्य, प्रेम, और सेवा के संदेश को व्यापक रूप में फैलाने का अवसर है. इसमें शामिल होकर आप न केवल आध्यात्मिक आनंद प्राप्त करेंगे, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन भी करेंगे.