घाटशिला एसडीओ, एसडीपीओ, बीडीओ व सीओ की मौजूदगी में ग्रामीणों के साथ हुई वार्ता के बाद आंदोलन स्थगित
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जिला परिषद सदस्य देवयानी मुर्मू के पति व भारत सेवाश्रम संघ द्वारा संचालित प्रणवानंद विद्या मंदिर हिंदी मीडियम स्कूल के पूर्व प्रधानाध्यापक राम किशोर मुर्मू के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के आश्वासन के बाद 48 घंटे से चला आ रहा आंदोलन को समाप्त कर दिया गया है. रामकिशोर मुर्मू को जिला शिक्षा पदाधिकारी जमशेदपुर ने प्रधानाध्यापक पद से हटा दिया था. ग्रामीणों के साथ घाटशिला के एसडीओ सुनील चंद्र, एसडीपीओ अजीत कुजूर, प्रखंड विकास पदाधिकारी यूनिका शर्मा, अंचल अधिकारी निशांत अंबर और घाटशिला थाना प्रभारी मधुसूदन डे के साथ हुई वार्ता के बाद जाम को हटाने का निर्णय ग्रामीणों ने लिया.
कार्रवाई नहीं तो फिर आंदोलन
ग्रामीणों की मांग थी की रामकिशोर मुर्मू को तत्काल प्रभाव से स्कूल से निष्कासित किया जाए. इसके अलावा उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए. इस पर एसडीओ सुनील चंद्र ने कार्रवाई का आस्वासन दिया. ग्रामीणों ने कहा कि अगर निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्रवाई नहीं होती है, तो ग्रामीण फिर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
स्कूल को कराया बंद
इससे पूर्व जाम स्थल पर शुक्रवार की सुबह रामकिशोर मुर्मू का पुतला दहन किया गया. जिला पार्षद देवयानी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. उधर ग्रामीणों ने फैसला न होने तक स्कूल भी बंद करा दिया. इस संबंध में एसडीओ से ग्रामीणों ने मामले की पूरी जानकारी की लिखित शिकायत भी की.
बुधवार को छात्रा के साथ गलत अवस्था में पकड़ाया था प्रधानाध्यापक
बता दें कि बुधवार की शाम प्रणवानंद विद्या मंदिर हिंदी मीडियम स्कूल बड़ाजोड़ी के प्रधानाध्यापक राम किशोर मुर्मू को शाम के समय इंटर में पढ़ने वाली एक युवति के साथ ग्रामीणों ने रंगे हाथ आपत्तिजनक अवस्था में पकड़ा था. काफी हो हंगामा के बाद पुलिस ने रामकिशोर मुर्मू को हिरासत में लिया था, लेकिन अगले दिन राम किशोर को पुलिस ने छोड़ दिया.
कार्रवाई नहीं हुई तो अक्टूबर में करेंगे आंदोलन
विरोध स्वरूप ग्रामीणों ने बड़ा जोड़ी मुख्य मार्ग को जाम कर दिया था. काफी प्रयास के बावजूद ग्रामीण पीछे हटने को तैयार नहीं थे. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत के बाद इस आंदोलन का तत्काल समापन हुआ है. इस संबंध में ग्रामीणों की ओर से धनंजय भकत ने बताया की अनुमंडल प्रशासन ने कार्रवाई करने के लिए समय लिया है. कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में अक्टूबर के पहले सप्ताह में फिर से आंदोलन की रणनीति बनाएंगे.