- जातीय दुर्व्यवहार की घटनाओं की निंदा, संविधान की मूल भावना की रक्षा को लेकर लिया गया संकल्प
फतेह लाइव, रिपोर्टर
आदित्यपुर स्थित कार्यालय में एसटी, एससी एवं ओबीसी मोर्चा, कोल्हान की बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ सदस्य रामचंद्र पासवान ने की. बैठक में उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले में कथावाचकों के साथ विशेष समुदाय द्वारा की गई जातिगत अभद्रता पर गहरा रोष व्यक्त किया गया. वक्ताओं ने कहा कि “जात न पूछो साधु की” जैसे आदर्श को दरकिनार कर जातीय दुर्व्यवहार किया जाना समाज में बढ़ती असहिष्णुता और सामाजिक विषमता का प्रतीक है. बैठक में दलित समाज की बेटी सारिका पासवान के साथ हुए अपमानजनक व्यवहार को भी घोर निंदनीय बताया गया.
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जातिगत उत्पीड़न पर एकजुटता, घटना की कड़ी आलोचना
बैठक में वक्ताओं ने आरएसएस एवं बीजेपी द्वारा संविधान की प्रस्तावना से ‘पंथनिरपेक्षता’ और ‘समाजवाद’ जैसे शब्दों को हटाने की मांग की तीव्र भर्त्सना की. उन्होंने कहा कि यह मांग भारतीय संविधान की आत्मा और डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों पर सीधा आघात है. समिति ने यह स्पष्ट किया कि वे संविधान की मूल भावना और संरचना की रक्षा के लिए सदैव संघर्षरत रहेंगे. संविधान विरोधी मानसिकता के प्रतीक के रूप में “मनुस्मृति” का प्रतीकात्मक पुतला दहन करने का निर्णय भी सर्वसम्मति से लिया गया.
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संविधान विरोधी प्रयासों का विरोध, मनुस्मृति दहन की घोषणा
समिति ने निर्णय लिया कि इन घटनाओं के विरोध में महामहिम राष्ट्रपति को जिला उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन सौंपा जाएगा. साथ ही, यह संकल्प लिया गया कि संविधान की मूल भावना से कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा और समाज में समता, न्याय एवं सम्मान की स्थापना के लिए संघर्ष लगातार जारी रहेगा. बैठक में रामचंद्र पासवान, जनार्दन कुमार, वीरेंद्र यादव, एस.एन. कुमार, राजेश यादव, एस.डी. प्रसाद, प्रमोद गुप्ता, बिंदेश्वरी सिंह, कैलास साह समेत कई सदस्य उपस्थित रहे.