फतेह लाइव रिपोर्टर






































16 मार्च 2024 भोजपुरी रंगमंच को समर्पित नाट्य संस्था “रंगश्री”, नई दिल्ली द्वारा संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से और सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मलेन एवं सुग्गा वेंचर्स प्रा लि के विशेष सहयोग से 8वें भोजपुरी नाट्य महोत्सव के पहले दिन प्रथम सत्र में जमशेदपुर की “सुग्गा टैक्सी सर्विस” का लोकार्पण जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने हरी झंडी दिखाकर किया . इस अवसर पर सुग्गा से जुडे 250 ड्राइवरों को सम्मानित किया गया .
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ‘सुग्गा’ के चेयरमैन श्री विकास सिंह ने लोकार्पित टैक्सी सर्विस सेवा के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि यह सेवा ग्राहकों के लिये अन्य टैक्सी सेवा की अपेक्षा काफी सस्ती होगी . मौके पर विशिष्ट अतिथि ‘प्रभात खबर’ के सम्पादक श्री संजय कुमार मिश्रा, तुलसी भवन के अध्यक्ष श्री सुभाष चन्द्र मुनका, न्यासी श्री अरुण कुमार तिवारी मंचासीन रहे . मंच संचालन मानद महासचिव श्री प्रसेनजित तिवारी ने किया .
दुसरे सत्र में रंगश्री , नई दिल्ली द्वारा सुरेश कांटक कृत भोजपुरी नाटक “हाथी के दाँत” और विशु बसु कृत मूल बांग्ला नाटक “शान्ति रक्षक” के भोजपुरी अनुवाद “अमन के रखवार” का सफल मंचन श्री महेंद्र प्रसाद सिंह के निर्देशन में हुआ. अनुवाद विपुल चौधरी एवं महेंद्र प्रसाद सिंह का था. हास्य व्यंग्य से भरपूर दोनों नाटकों दर्शकों को खूब हंसाया.
“हाथी के दाँत” नाटक उन सभी राजनीतिक दलों पर तीखा प्रहार करता है जो सत्ता पाने के लिए सिद्धांतहीन गठजोड़ करते हैं तथा दर्शकों को सन्देश देता है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए आपस में लड़ाई झगड़ा न करें क्योंकि सत्ता सुख पाने के लिए चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशी एक ही थैले के चट्टे बट्टे हैं. नाटक के मुख्य किरदार अखिलेश कुमार पाण्डेय (मोटा बाबा), सौमित्र वर्मा (लोटा बाबू), विजय यादव (सोटा बाबू ), सूत्रधार सह विदुषक के रूप में गौरव प्रकाश का अभिनय शानदार रहा. गरीब ग्रामीण महिला के रूप में कल्पना मिश्रा, कीर्ति कुमारी, किसान के रूप में दीपक सिंह, चमचों के रूप में प्रभात रंजन, रुस्तम कुमार, प्रवीण तथा अशोक, आदि कलाकारों का काम सराहनीय रहा. गौरव का लौंडा नृत्य सबको झुमा दिया. श्री अनिल गुप्ता ने अपनी गायकी तथा श्री नवल किशोर ने तबला वादन से शमा बांधा. रवि कांत प्रकाश, लव कांत सिंह, मीना राय और सुचित्रा सिंह ने मंच व्यवस्था संभाला.रूप सज्जा रश्मि गोदारा का रहा.
आज की दूसरी प्रस्तुति “अमन के रखवार” में पुलिस में व्याप्त भ्रष्टाचार को दिखाया गया है. दरोगा के रूप में सौमित्र वर्मा का अभिनय लाजवाब रहा. गणेश के रूप में विजय यादव, डकमुंशी के रूप में प्रवीण, मुंशी के रूप में अखिलेश पाण्डेय एवं पुलिस कर्मियों के रूप में अशोक, प्रभात का अभिनय सराहनीय रहा. हाजत में बंद कैदी रुस्तम कुमार ने अपने अभिनय से लोगों को प्रभावित किया.
रंगश्री अपने भोजपुरी नाटकों के माध्यम से बराबर ही विभिन्न सामाजिक, राजनैतिक, शैक्षणिक और आर्थिक विसंगतियों पर प्रहार करता रहा है.