फतेह लाइव, रिपोर्टर

तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज तृतीय, फहीम किरमानी ने सरकारी काम में रुकावट डालने और पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट करने के आरोप में चापी निवासी टीमा तुरी को दो साल की सजा सुनाई. यह मामला 21 अक्टूबर 2015 का है, जब अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के अंगरक्षक अनील कुमार यादव ने पेटरवार थाना प्रभारी के समक्ष बयान दर्ज कराया था. सूचक के अनुसार, पुलिस बल के साथ वह तेनुघाट ओपी के पुलिस अवर निरीक्षक शंकर बड़ाइक के साथ पंचायत चुनाव के बूथ निरीक्षण के लिए जा रहे थे. रास्ते में चापी हरिजन टोला के पास 4-5 युवक सड़क पर खड़े थे, और जैसे ही सूचक ने उन्हें हटने को कहा, उन युवकों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया और राइफल छीनने का प्रयास किया. इसके बाद टीमा तुरी समेत अन्य लोगों ने लाठी डंडे से हमला किया, जिससे सूचक को आंख में चोट आई और खून बहने लगा.

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पेटरवार थाना में मामला दर्ज होने के बाद आरोप पत्र दाखिल किया गया और मामला जिला जज तृतीय फहीम किरमानी के न्यायालय में स्थानांतरित हुआ. दोनों पक्षों की बहस और गवाहों के बयान सुनने के बाद, न्यायालय ने टीमा तुरी को सरकारी काम में रुकावट डालने और पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट के मामले में दोषी पाया. टीमा तुरी को दो साल की सजा सुनाई गई और उसे तेनुघाट जेल भेज दिया गया, जहां वह पहले से ही बंद था. अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विजय कुमार साहू ने मामले की बहस की.

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