- ग्रंथी और रागीयों के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस रिहायश, प्रधान निशान सिंह की सराहनीय पहल
फतेह लाइव, रिपोर्टर
जमशेदपुर के साकची गुरुद्वारा साहिब प्रबंधक कमिटी ने ग्रंथीयों और रागीयों की सुख-सुविधाओं के ध्यान में रखते हुए उनके लिए ‘बाबा बुड्ढा जी निवास’ नामक रिहायश का निर्माण किया है. यह रिहायश अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है और उद्घाटन के लिए 2 मार्च की तारीख निर्धारित की गई है. इस कार्यक्रम में ग्रंथी सिंहों को रिहायश की चाबी सौंप दी जाएगी. साकची गुरुद्वारा के प्रधान निशान सिंह ने बैठक के दौरान बताया कि उद्घाटन समारोह में गुरु महाराज जी का आदेश प्राप्त करने के लिए अरदास बेनती की जाएगी और फिर रिहायश की चाबी ग्रंथी सिंहों को सौंपी जाएगी. बैठक में गुरुद्वारा के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे, जिन्होंने इस आयोजन के लिए आवश्यक तैयारियों पर चर्चा की.
इसे भी पढ़ें : Giridih : प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अंतर्गत जिला स्तरीय कुकिंग प्रतियोगिता आयोजित
इस रिहायश में ग्रंथीयों और रागीयों के लिए वातानुकूलित दो कमरे, हॉल, रसोई और स्नानागार जैसी सुविधाएं प्रदान की गई हैं. इस रिहायश का निर्माण कार्य लगभग एक वर्ष पहले शुरू हुआ था, जब गुरुद्वारा कमिटी के सदस्य और संगत ने मिलकर कारसेवा के माध्यम से इस परियोजना की शुरुआत की थी. अब एक साल बाद यह रिहायश पूरी तरह से तैयार हो चुका है और इसका उद्घाटन समारोह निर्धारित किया गया है. यह परियोजना साकची गुरुद्वारा कमिटी द्वारा की गई एक महान पहल है, जो ग्रंथीयों और रागीयों की सुविधा के लिए एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत करती है.
इसे भी पढ़ें : Giridih : पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को माले नेता राजेश सिन्हा ने सौंपा ज्ञापन
गौरतलब है कि सिख इतिहास में बाबा बुड्डा जी का एक विशिष्ट स्थान है, और उनके नाम पर इस रिहायश का नामकरण किया गया है. बाबा बुड्डा जी दरबार साहिब तख्त श्री हरमंदिर साहिब, अमृतसर के पहले ग्रंथी थे, और इस वजह से उनकी उपस्थिति और योगदान को सम्मानित करने के लिए यह रिहायश बनाई गई है. स्त्री सत्संग सभा की प्रधान बीबी जतिंदरपाल कौर और सुखमणि साहिब जत्था की प्रधान बीबी राज कौर ने भी इस रिहायश निर्माण को एक उच्च सोच और अच्छी पहल बताया. इसके अलावा, प्रधान निशान सिंह के कार्यकाल में साकची गुरुद्वारा में कई अन्य सुधार और विकास कार्य भी किए गए हैं, जैसे साकची हॉल का विस्तार और सुंदरीकरण, जिससे गुरुद्वारा अधिक आकर्षक बन गया है और संगत को भी बेहतर वातावरण प्रदान हुआ है.