- एक वर्ष पूर्ण होने पर मंदिर प्रांगण में भव्य हवन, पूजा व भोग-प्रसाद वितरण का आयोजन
- मंदिर परिसर में जल्द स्थापित होंगे कालीयंत्र और श्रीयंत्र — सरयू राय
फतेह लाइव, रिपोर्टर
श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर (बिड़ला मंदिर), केबुल टाउन, जमशेदपुर में चल रहे जीर्णोद्धार कार्य के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सोमवार, 7 जुलाई को प्रथम जीर्णोद्धार समारोह मनाया गया. समारोह में 11 ब्राह्मणों के नेतृत्व में विशेष पूजन, हवन, आरती, दुर्गासप्तशती पाठ व भोग-प्रसाद वितरण हुआ. प्रमुख यजमान के रूप में साकेत गौतम और उनकी धर्मपत्नी पूजा पर बैठे. सहयोगी यजमानों में अमृता मिश्रा, ममता सिंह व नागेंद्र सिंह ने भाग लिया. सुबह 9:30 बजे शांति पाठ के साथ पूजा की शुरुआत हुई. इसके बाद क्रमवार रूप से गणेश, हनुमान, काली, शिव और लक्ष्मीनारायण भगवान की पूजा की गई. विष्णु सहस्त्रनाम के पाठ के साथ पूजन संपन्न हुआ, जिसके बाद हवन, पुष्पांजलि और भोग-प्रसाद वितरण किया गया.
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मंदिर प्रांगण में हुआ दुर्गासप्तशती पाठ, ब्राह्मणों के मंत्रोच्चारण से गूंजा परिसर
पूजन के अंत में सैकड़ों श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया और पूजा संपन्न कराने वाले सभी ब्राह्मणों को सम्मानपूर्वक भोजन कराया गया. इस अवसर पर विधायक सरयू राय, जो मंदिर जीर्णोद्धार समिति के संयोजक भी हैं, ने स्वयं सभी ब्राह्मणों को भोग-प्रसाद परोसा. उन्होंने बताया कि जीर्णोद्धार कार्य में भगवान लक्ष्मीनारायण, माता काली, शिव, गणेश और हनुमान की कृपा से महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. लेकिन कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ है और आने वाले समय में कई आध्यात्मिक गतिविधियों की शुरुआत की जाएगी. मंदिर को शुद्ध आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां श्रद्धालु केवल परंपरा नहीं, पूजा के भाव और अर्थ को भी समझ सकें.
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सरयू राय बोले — पूजा सिर्फ कर्मकांड नहीं, भावना और समझ का समन्वय है
विधायक सरयू राय ने आगे कहा कि आम जनता को पूजा पद्धतियों की जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है ताकि वे यथार्थ रूप से धार्मिक भावनाओं से जुड़ सकें. उन्होंने कहा कि पूजा केवल फूल चढ़ाने या दक्षिणा देने तक सीमित न रहे, बल्कि लोग यह समझें कि मंत्रों और श्लोकों का क्या महत्व है. उन्होंने यह भी घोषणा की कि शीघ्र ही मंदिर परिसर में कालीयंत्र और श्रीयंत्र की विधिवत स्थापना की जाएगी. इससे आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र और मजबूत होगा. श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर का यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए आस्था और ज्ञान का संगम बनता जा रहा है.