जमशेदपुर.
1999 में हुए कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाने वाली भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों ने रविवार को बारीडीह स्थित सभागार में वीर सम्मान समारोह आयोजित किया. पूर्व सैनिक सेवा परिषद द्वारा आयोजित कारगिल विजय दिवस में लौहनगरी के लोगों ने देश के वीर सैनिकों के प्रति अटूट प्यार व सम्मान का भाव प्रदर्शित किया. कार्यक्रम में शामिल लोग न सिर्फ सैनिकों के साथ गर्मजोशी के साथ मिले, बल्कि देश के प्रति उनकी सेवा भावना, कर्तव्य निष्ठा, समर्पण, त्याग और बलिदान को याद किया.
रिक्रिएशन सभागार में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश पांडे एवं प्रदेश महामंत्री सिद्धनाथ सिंह ने कहा कि पूर्व सैनिकों के अभूतपूर्व सैन्य प्रदर्शन के कारण ही आज हम कारगिल विजय दिवस मना रहे हैं. सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत विशिष्ट अतिथि सांसद विद्युत वरण महतो, मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट कर्नल राजेश गुप्ता, वरिष्ठ संपादक संजय मिश्रा एवं नमन के संस्थापक अमरप्रीत सिंह काले एवं संगठन के प्रतिनिधि द्वारा दीप प्रज्वलन कर की गई. स्वागत भाषण संगठन के महामंत्री जितेंद्र सिंह ने दिया. समारोह में फौजियों पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए.
इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने अपनी शानदार प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया. अतिथियों के देश प्रेम के प्रति जोशीले संबोधन और भारत माता की जय व वंदे मातरम के नारे से पूरा माहौल देश भक्ति मय हो गया. वहीं, शहीदों की याद में लोगों की आंखें भर आयीं. जेपीएस की भारती बनर्जी, हिंदुस्तान मित्र मंडल संदीप , एनटीटीएफ के दीपक सरकार, नएस फिजिकल डिफेंस एकेडमी मनोज सिंह के नेतृत्व मे छात्र-छात्राओं ने नृत्य नाटिका के माध्यम से कारगिल के वीर शहीदों की शहादत को प्रस्तुत किया.
सांस्कृतिक कार्यक्रम के पश्चात वीर सम्मान समारोह में गणमान्य अतिथि क्रीड़ा भारती के प्रदेश अध्यक्ष शिव शंकर सिंह, राजकुमार सिंह, एसबीआई टेल्को के चीफ मैनेजर सौरव चक्रवर्ती, टाटा मोटर्स के जनरल मैनेजर जीवराज सिंह संधू ने सभा को संबोधित किया एवं ऑपरेशन विजय के 20 युद्ध वीरों को शॉल ओढ़ाकर और पुष्प गुच्छ दे सम्मानित किया गया.
हर भारतीय के लिए गर्व का दिन: विद्युत वरण महतो
जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने कारगिल के युद्ध वीरों की वीरता को याद करते हुए कहा कि आज से 17 वर्ष पूर्व कारगिल की चोटियों पर घुसपैठ कर बैठ गए पाकिस्तानी सैनिकों से भारतीय सेना के रणबांकुरों ने अपने पराक्रम से उनके दांत खट्टे कर दिए थे. ऊंचाई पर निशाना लगा कर बैठे घुसपैठियों को नीचे से चढाई करते हुए दुश्मनों को धारासाई करने में हमारे सैकड़ों सैनिकों ने अपनी शहादत दी, किन्तु अंततः इस धर्मयुद्ध में घुसपैठिये पाकिस्तान को मैदान छोड़ कर भागना पड़ा और उसके हजारों सैनिक मारे गए. धर्म एवं राष्ट्र की रक्षा के लिए जब भी हाथ उठते हैं तो विजय निश्चित है. भले ही परिस्थिति चाहे कितनी विपरित हो. कारगिल युद्ध उदाहरण है.
युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत : काले
हर हर महादेव सेवा संघ के संरक्षक एवम् नमन के संस्थापक अमरप्रीत सिंह काले ने अपने संबोधन में कहा कि कारगिल में भारतीय सैनिकों ने जिस पराक्रम का परिचय दिया उसका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता. हमारे सैनिकों ने कारगिल की चोटियों को पाकिस्तानी सैनिकों से मुक्त कराने के लिए बेहिचक शहादत दी और बहादुरी पूर्वक हमने अपनी जगह वापस पा ली. ऐसा दुर्गम युद्ध शायद ही इस दुनिया में लड़ा गया होगा. हमारे सैनिकों के फौलादी इरादों एवं अचूक मार से पाकिस्तानी कारगिल छोड़ कर भागने को विवश हो गए. कारगिल युद्ध हमारे देश की नयी पीढ़ी के लिए राष्ट्रप्रेम के मामले में ही प्रेरणास्त्रोत है.
कारगिल के वीर सैनिकों के पराक्रम को सलाम : लेफ्टिनेंट कर्नल राजेश गुप्ता
स्टेशन हेड क्वार्टर के एडीएम कमांडेंट लेफ्टिनेंट कर्नल राजेश गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि कारगिल युद्ध तीन माह तक चला था. दुनिया इस युद्ध में भारतीय सेना की हिम्मत, पराक्रम और श्रेष्ठता की गवाह बनी. हमारे सैकड़ों सैनिकों ने शहादत देकर ऊंची चोटी पर बैठे पाकिस्तानी सैनिकों को साफ कर दिया और अपनी जमीन और चोटी वापस पा ली. पूर्व सैनिक सेवा परिषद द्वारा आयोजित शानदार कार्यक्रम के जरिए हम सैनिकों की कुर्बानी और पराक्रम को सलाम करते हैं.
देश की मिट्टी में शहादत की सुगंध: शिव शंकर सिंह
क्रीड़ा भारती के प्रदेश अध्यक्ष शिव शंकर सिंह ने समारोह में कहा कि शहीदों और सीमा पर खड़े सैनिकों की बदौलत हम चैन की नींद सोते हैं. कारगिल के वीर बलिदानियों को याद कर संजय मिश्रा ने कहा कि सीमा पर जान की नहीं, बल्कि देश की चिंता सैनिकों को रहती है. सैनिकों के लिए जान नहीं बल्कि देश प्रमुख है।इस देश की मिट्टी में शहादत की सुगंध आती है, जिसे बार-बार नमन करने को जी करता है. सीमा पर तैनात हमारे जांबाज जवान हमारे हीरो हैं. वे सदा युवाओं के साथ- साथ देशवासियों को प्रेरित करते रहेंगे.
वीर जिनका हुआ सम्मान
मानिक वरदा, दिलीप बेसरा, गणेश हंसदा के परिवार
ऑपरेशन विजय के हवलदार सत्येंद्र सिंह, हवलदार बिरजू कुमार, नायब सूबेदार केएम सिंह, विनय कुमार यादव, किशोर कुमार, हवलदार गोपाल कुमार, विजय कुमार, हवलदार धनेश्वर बारीक, एम डब्ल्यू एस के सिंह, नवल किशोर पाठक, सार्जेंट दीपक कुमार, सार्जेंट उमेश कुमार, हवलदार जीतेन्द्र सिंह, हरि सिंह सांडेल, पीओ कुंडल सिंह, अनुपम शर्मा, गोविंद राव एल, हिरेश कुमार.
इन संगठनों का मिला सहयोग
सैन्य मैत्रिसक्त,क्रीड़ा भारती, जय हिंद क्लब, बागबेड़ा हेल्पिंग बॉयज,पतंजलि योग समिति, भारत स्वाभिमान, राष्ट्र चेतना, अभ्युदय, नरेश मोहन स्मृति संस्थान, बजरंग सेवा संस्थान, विश्व हिंदु परिषद, विद्यार्थी परिषद आदि.
इनकी रही सहभागिता
उमेश सिंह, के एम सिंह, सुखविंदर सिंह, अवधेश कुमार, सतेन्द्र सिंह, बिरजू कुमार, उमेश शर्मा, दीपक शर्मा, राजेश कुमार, मनोज कुमार सिंह, किशोर कु, सत्या प्रकाश, सिद्धनाथ सिंह, कुंदन सिंह, एस बी सिंह, जसवीर सिंह, हिरेश कुमार, विनेश प्रसाद, रजनीश सिंह, संजय कु सिंह, धनंजय कु निर्दोष, शैलेश सिंह एवं अन्य पूर्व सैनिक मौजूद रहे.