फतेह लाइव, रिपोर्टर

प्रयागराज के संगम पर मौनी अमावस्या के दिन लाखों श्रद्धालुओं का तांता लगा था. श्रद्धालु गंगा में पवित्र स्नान करने की तैयारी में थे, लेकिन अचानक मची भगदड़ ने सब कुछ बदल दिया. गंगा के घाटों पर उमड़ी भीड़ इतनी अधिक थी कि सुरक्षा बैरिकेड टूट गए और लोग बेकाबू हो गए. स्थिति विकट हो गई, और कई लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. भगदड़ के दौरान एंबुलेंस की गाड़ियाँ लगातार घटनास्थल पर आ रही थीं, लेकिन वक्त की कमी और हालात के कारण कई श्रद्धालु इलाज से पहले ही अपनी जान गंवा चुके थे.

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संगम के घाटों पर अफरातफरी मचने के बाद प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए त्वरित कदम उठाए. 10 से ज्यादा जिलाधिकारी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. मेले में अराजकता को रोकने के लिए प्रशासन ने लोगों से दूसरे घाटों पर स्नान करने की अपील की. साथ ही, अखाड़ों ने भी महाकुंभ के अहम आयोजन को स्थगित करने का निर्णय लिया. अखाड़ा परिषद ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि आज होने वाला अमृत स्नान रद्द किया जाए, ताकि आगे कोई अप्रिय घटना न घटे.

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परिषद के महामंत्री हरि गिरी ने बताया कि अब अमृत स्नान को अनिश्चितकालीन रूप से रद्द कर दिया गया है. हालांकि, कुछ घंटों बाद जब स्थिति सामान्य हुई, अखाड़ों ने फिर से अपने स्नान के लिए गंगा की ओर रुख किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की और घटनास्थल पर तत्काल मदद भेजने का निर्देश दिया. महाकुंभ के इस दुखद हादसे ने जीवन और आस्था के बीच के संतुलन को एक बार फिर से चुनौती दी. हालांकि, प्रशासन और अखाड़ों के सहयोग से हालात पर काबू पा लिया गया, लेकिन इस दिन का शोक कभी न भूलने वाला रहेगा.

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