- शासन दीरी के अपमान पर समाज ने जताया विरोध, परंपरागत विधि से किया गया पुनः प्रतिष्ठापन
- पूर्वजों की विरासत को सहेजने का लिया संकल्प, समाज ने दिखाई एकजुटता
फतेह लाइव, रिपोर्टर
पोटका प्रखंड के कोवाली पंचायत अंतर्गत कूटसुरी गांव में बुधवार को आदिवासी भूमिज समाज की ओर से हास्ता गोत्र के हाड़ शाली स्थल का शुद्धिकरण कार्यक्रम परंपरागत विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ. समाज की मान्यता के अनुसार, पहले की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि गोत्र स्थल पर बाहरी ठेकेदार द्वारा शासन दीरी उखाड़े जाने के कृत्य को समाज विरोधी माना जाएगा. ठेकेदार और मुंशी ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए समाज से क्षमा मांगी और परंपरा के अनुसार दंडस्वरूप पूजा सामग्री भेंट की.
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गोत्र स्थल पर ठेकेदार के अतिचार के विरोध में समाज की एकजुटता
शुद्धिकरण कार्यक्रम की अगुवाई हास्ता गोत्र के पाड़ीगिराई गुरुचरण पाचेरी ने की, जिन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना कर स्थल को पवित्र किया. कार्यक्रम में मुर्गा व बकरी की बलि दी गई. हटाए गए शासन दीरी को नो महाल किलि-कुपुल के द्वारा पुनः स्थापित किया गया. हास्ता गोत्र की महिलाओं ने परंपरागत तरीकों से पूर्वजों के प्रतीक पत्थरों को हल्दी, तेल, चावल व खई से स्नान कराकर पूजन किया. साथ ही पूर्वजों की स्मृति में शीलापट्ट भी गाड़ा गया, ताकि आने वाली पीढ़ी अपने इतिहास से अवगत हो सके.
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महिलाओं ने निभाई सांस्कृतिक जिम्मेदारी, पूर्वजों को अर्पित की श्रद्धा
कार्यक्रम में गिरजनों के साथ-साथ समाज के अनेक वरिष्ठ सदस्य शामिल हुए. इस दौरान सिद्धेश्वर सरदार, जयपाल सिंह सरदार, हरीश भूमिज, मानिक सरदार, सुदर्शन भूमिज, श्रीपति सरदार, हेमंत सरदार, ऊमापद सरदार समेत कई पुरुष और महिला सदस्य उपस्थित रहे. सभी ने एक स्वर में यह संकल्प लिया कि हाड़ शाली जैसे पवित्र स्थलों की रक्षा सामूहिक जिम्मेदारी है और इसकी गरिमा को किसी कीमत पर आहत नहीं होने दिया जाएगा.