बबलू खान.
लातेहार.
योजना की लागत 44 करोड़, 2018-19 में हुआ था प्रारंभ. सभी घरों से कनेक्शन के नाम पर लिया गया था 100-100 रू. अभी तक कई घरों में नहीं पहुंचा है कनेक्शन. वही कनेक्शन के बाद भी कई घरों तक नहीं पहुंचा है सप्लाई का पानी, आख़िर इस योजना में कब तक लगा रहेगा ग्रहण, कब तक इस योजना का पूर्ण रूप से लाभ उठा पाएंगे ग्रामीण, इस तरह का कार्य होना संवेदक एवं विभाग पर क्या नहीं करता खड़ा सवालिया निशान?
जंगल पहाड़ से घिरा है महुआडांड़, कितने गांव आज भी झरना व चुआड़ी पर है निर्भर
महुआडांड़ में 44 करोड़ों की लागत से बूढ़ा नदी में वर्ष 2018-19 में लोध ग्रामीण जलापूर्ति योजना की नींव रखी गई, लक्ष्य था, प्रखंड के अंतर्गत सात पंचायत के 38 गांवों तक जलापूर्ती करना. लेकिन आज तक सुचारू रूप से जलापूर्ति प्रारंभ नहीं किया गया है या तो इसे संवेदक की लापरवाही कहें या फिर इसे लेकर पीएचडी विभाग गंभीर नजर नही आता है. कनेक्शन लेकर ग्रामीण ठगा महसूस कर रहे है. कनेक्शन के नाम पर 100 रूपए लिये गये है, लेकिन पाइप घरों तक आधा अधूरा पहुंचाया गया है और कहीं कहीं बिछाया भी नहीं गया है, और कहीं बिछाया भी गया है तो जलापूर्ति हो ही नहीं पा रही है. जैसे मुख्य बाजार से सटा हुआ ग्राम दीपाटोली को ही मान लें यहां आधा अधूरा कनेक्शन किया गया.
और तो और दिलचस्प बात यह है कि आधा दीपाटोली में पानी का सप्लाई मिल रहा है और आधा गांव में पानी की सप्लाई नहीं मिल रही है, जिसे देख ग्रामीण यह कहते नजर आ रहे हैं कि संवेदक एवं विभाग के द्वारा इसे अनदेखा किया जा रहा है. इस योजना को लेकर एक कहावत बिल्कुल ठीक बैठता है कि एक आंख में काजल और एक आंख में सुरमा. इसी को यह योजना चरितार्थ कर रहा है. ऐसी स्थिति में ग्रामीण अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं.
सात पंचायत अंतर्गत 38 ग्रामों को पानी सप्लाई
बूढ़ा नदी में एक इनटेकवेल बनाया गया है, यहां से पानी मिरगी गांव में बने 5.10 एमएलडी के क्षमता वाले वाटरट्रीटमेंट प्लांट (जल संशोधन केंद्र) तक आएगा. फिर फिल्ट्रेशन ( स्वच्छ ) हो पानी मेढ़ारी गांव में 5.84 लाख लीटर, मेराम 4.05 लाख एवं महुआडांड में 3.9 लाख लीटर का जलमीनार तक जाएगा, साथ महुआडांड़ स्थित सम्प निर्माण हुआ है. इस सम्प में तीन लाख लीटर पानी फिल्टर हुआ जलापूर्ति हेतु रिजर्व होगा.
जलपूर्ति सुचारू रूप से प्रारंभ होने पर 7000 घरों को पानी समस्या मिलेगा निजात
इस योजना के पूर्ण रूप से चालू होने पर पंचायत चटकपुर अक्सी, चैनपुर, अम्वाटोली, महुआडांड़ रेंगाई, चंपा के लगभग 7000 घर पानी समस्या से निजात पायेंगे, लेकिन लोध जलपूर्ति योजना पूर्ण होकर भी शोभा का वस्तु बना हुआ है, जबकि विभाग द्वारा टेस्टिंग की गई है, अनेको ट्रायल हुए है लेकिन अभी तक भी पानी का सप्लाई सुचारू रूप से प्रारंभ नहीं हो सका है.
इस योजना को लेकर क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीण शहंशाह खान, शबीब खान उर्फ भोलू, मोहम्मद इरफान, खुर्शीद आलम, आरिफ आलम, इल्यास अहमद, शहजाद आलम, इरशाद आलम, बीगन प्रसाद, उमेश प्रसाद, मुराद अली, शाहिद कमाल, इकबाल अहमद, मोहम्मद रिज़्वी, नय्यर खान, शमशाद अहमद, असलम आलम, मुरतुजा अहमद समेत अन्य ग्रामीणों का कहना है कि 100-100 रू देकर पानी सप्लाई का कनेक्शन लिया गया है जो कि कनेक्शन के नाम पर पाइप तो घरो तक पहुंचाया गया है. शायद ऐसा प्रतीत होता है कि योजना कार्य ही घटिया हुआ है, इसलिए ही शायद पानी की सप्लाई आज तक सुचारू रूप से शुरू नही हो पाया है. आधा दीपाटोली ग्राम में पानी का सप्लाई हो रहा है और आधा में नहीं रहा है. पाइप का बिछना भी शोभा की वस्तु बनकर रह गई है, क्योंकि अभी तक कई घरों के लोगों को इससे एक बूंद पानी भी मयस्सर नहीं हुआ है. अम्वाटोली गांव के ग्रामीण अयुब अंसारी ने कहा हमारे बस्ती में पेयजल की भारी समस्या है, दूर से पानी लाते है. जलसहिया द्वारा 100 रू कनेक्शन चार्ज लिया गया, लेकिन आज तक पेयजल के लिए बस्ती में पाइप नही बिछाया गया है. सभी ग्रामीणों का मांग है कि जल्द से जल्द घरों तक कनेक्शन पहुंचा कर और जहां पाईप का कनेक्शन किया गया है वहां पानी का सप्लाई सुचारू रूप से प्रारंभ किया जाए ताकि यहां के ग्रामीणों को इस योजना का पुर्ण रूप से लाभ मिल सके.
इस संबंध में कार्य कर रहे मुंशी को कई बार फोन कर इसकी जानकारी दी गई की सप्लाई आधा अधूरा है और आधा दीपाटोली ग्राम मैं सप्लाई के लिए पाइप भी नहीं बिछाई गई. इसके बावजूद भी इन लोगों के द्वारा किसी तरह का कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. कार्य में पूरी तरह से लापरवाही बरती जा रही है. विभाग भी रहस्यमय तरीके से चुप्पी साधे हुए हैं. आखिर सवाल यह उठता है कि कब तक महुआडांड़ के लोगों को इस योजना का लाभ मिल पाएगा.