- भूमिज समाज ने सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप, राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा
- राज्य और केंद्र सरकारों पर भूमिज समाज ने साधा निशाना, संघर्ष का ऐलान
फतेह लाइव, रिपोर्टर
पोटका के पावरु आदिवासी कला-संस्कृतिक भवन में आदिवासी भूमिज-समाज झारखंड की ओर से एक अहम तैयारी बैठक का आयोजन किया गया. जयपाल सिंह सरदारकी अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में झारखंड सरकार द्वारा जे-टेट नियमावली 2025 के प्रारूप में भूमिज भाषा को शामिल न करने पर गहरी नाराजगी जताई गई. वक्ताओं ने कहा कि भूमिज एक जनजातीय भाषा है, जिसकी अपनी विशिष्ट लिपि, संस्कृति और परंपरा है. वर्ष 2012 से लेकर 2024-25 तक विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में इसे शामिल किया गया था, लेकिन नई जे-टेट नियमावली में इसकी अनदेखी साफ दर्शाती है कि सरकार का इस भाषा और समाज के प्रति कोई ध्यान नहीं है.
पेशा नियमावली से भूमिज समाज को बाहर करने पर भी जताई नाराजगी
बैठक में यह भी कहा गया कि सरकार द्वारा पेशा नियमावली के लिए गठित समिति में आदिवासी भूमिज-समाज का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं किया गया है, जो पारंपरिक स्वशासन प्रणाली में भेदभाव को दर्शाता है. ऐसे में चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई है, जिसमें प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर आंदोलन होगा. बैठक में जयपाल सिंह सरदार, हरीश भूमिज, मानिक सरदार, अर्जुन सरदार, मीनू सरदार, लक्ष्मी सरदार, सुलोचना सरदार सहित कई प्रतिनिधि उपस्थित रहे. उन्होंने सरकार से मांग की कि वे तुरंत भूमिज भाषा को जे-टेट और पेशा नियमावली में शामिल करें अन्यथा आंदोलन और तेज किया जाएगा.