- कोयला उद्योग के भविष्य और वैकल्पिक रोजगार पर गहरी चर्चा
फतेह लाइव, रिपोर्टर
बोकारो जिले के सीसीएल बीएंडके एरिया के करगली ऑफिसर क्लब में डिजिटल एंपावरमेंट फाउंडेशन और स्वनीति इनिशिएटिव के तत्वावधान में ‘जस्ट ट्रांजिशन और इकोनॉमिक डाइवर्सिफिकेशन’ पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बोकारो जिले में कोयला पर निर्भरता और कोयला आधारित उद्योगों में आर्थिक विविधीकरण के उपायों पर चर्चा करना था. कार्यक्रम में स्थानीय निवासियों, ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों, और विभिन्न विशेषज्ञों ने भाग लिया और कोयला उद्योग से प्रभावित होने वाले समुदायों की आजीविका से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार साझा किए.
इसे भी पढ़ें: Giridih : विश्व रेड क्रॉस दिवस पर सेवा-सत्कार कार्यक्रम का आयोजन
कार्यशाला में वैकल्पिक रोजगार और आर्थिक बदलाव की आवश्यकता पर चर्चा
स्वनीति इनिशिएटिव के फेलो ऋषि किशोर ने बोकारो जिले में किए गए अध्ययन के परिणामों को पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से साझा किया. इसके बाद बीएंडके एरिया के जीएम ऑपरेशन एस गैवाल ने स्वनीति के अध्ययन रिपोर्ट पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जस्ट ट्रांजिशन आज के समय में एक ज्वलंत मुद्दा है, जो कोयला क्षेत्रों के भविष्य से जुड़ा हुआ है. एरिया वित्त महाप्रबंधक ज्ञाननेदु चौबे ने कोयला खदानों के बंद होने से होने वाले वित्तीय प्रभावों और सीएसआर फंड के उपयोग पर चर्चा की. उन्होंने स्वयं सहायता समूहों और संस्थाओं की भूमिका पर भी जोर दिया.
इसे भी पढ़ें : Bokaro : जारंगडीह परियोजना में विद्युत पोल मुड़ने से क्षेत्र में 10 घंटे तक विद्युत आपूर्ति बाधित
हितधारकों की भूमिका और दीर्घकालिक रणनीतियों पर जोर
कार्यशाला में एटक नेता लखन लाल महतो ने कोयला खदानों के बंद होने पर पेंशन की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की. बीएमएस के रविंद्र मिश्रा ने सीएसआर प्रशिक्षणों के बंद होने और आउटसोर्सिंग कंपनियों के कारण पलायन और दुर्घटनाओं का मुद्दा उठाया. इंटक के श्यामल सरकार ने झारखंड की 71 कोयला खदानों और सीसीएल में कार्यरत 32,000 कर्मचारियों के बारे में चर्चा करते हुए ऊर्जा संक्रमण के संभावित प्रभावों पर प्रकाश डाला. इस कार्यशाला में जमसं के टीनू सिंह, विकास सिंह, ओम शंकर सिंह, एटक के सुजीत घोष, चन्द्रशेखर झा, सीटू के पंकज महतो सहित कई अन्य प्रमुख व्यक्तित्वों ने भी अपने विचार साझा किए.