• 1 जुलाई से 30 सितंबर तक चलेगा न्यायिक समाधान का विशेष राष्ट्रव्यापी अभियान
  • मध्यस्थता अभियान से न्यायिक बोझ होगा कम, आमजन को मिलेगा शीघ्र न्याय

फतेह लाइव, रिपोर्टर

गिरिडीह व्यवहार न्यायालय में आज 1 जुलाई से 30 सितंबर तक चलने वाले 90 दिवसीय विशेष मध्यस्थता अभियान की औपचारिक शुरुआत की गई. यह अभियान नालसा (NALSA) नई दिल्ली और झालसा (JHALSA) रांची के निर्देशानुसार संचालित होगा. इसके सफल क्रियान्वयन हेतु प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गिरिडीह, मार्तंड प्रताप मिश्रा की अध्यक्षता में न्यायिक पदाधिकारियों की एक बैठक की गई. मिश्रा ने बताया कि यह राष्ट्रव्यापी पहल सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता और सुलह परियोजना समिति (MCPC) के सहयोग से की जा रही है, जिसका उद्देश्य अदालतों में लंबित उपयुक्त मामलों का मध्यस्थता के माध्यम से समाधान निकालना है.

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मध्यस्थता से सुलझेंगे घरेलू हिंसा, चेक बाउंस और वाणिज्यिक विवाद जैसे हजारों मामले

इस अभियान में दुर्घटना दावा, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस, वाणिज्यिक विवाद, सेवा संबंधी मामले, आपराधिक समझौता योग्य विवाद, उपभोक्ता विवाद, ऋण वसूली, विभाजन, बेदखली, भूमि अधिग्रहण और अन्य सिविल मामलों को मध्यस्थता प्रक्रिया के तहत निपटाने का लक्ष्य है. न्यायालय में लंबित उपयुक्त मामले संबंधित अदालत में प्रस्तुत किए जा सकते हैं, जहां जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) मध्यस्थता प्रक्रिया के माध्यम से समाधान सुनिश्चित करेगा. यह अभियान खासकर उन लोगों के लिए उपयोगी है जो जटिल कानूनी प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते और सरल, त्वरित समाधान चाहते हैं. इस अवसर पर कई न्यायिक पदाधिकारी उपस्थित रहे और अभियान की सफलता को लेकर प्रतिबद्धता जताई.

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