फतेह लाइव, रिपोर्टर
कर्नाटक और गुजरात में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) की पुष्टि के बाद झारखंड भी अलर्ट हो गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि एचएमपीवी वायरस पहले से मौजूद है, पर ज्यादा आक्रामक नहीं है. इसके बावजूद लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधानी बरतनी है. इस वायरस से बचाव को लेकर राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जन के साथ स्वास्थ्य विभाग ने बैठक की. साथ ही बचाव को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है.
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HMPV वायरस के ये हैं लक्षण
माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ पूजा सहाय ने बताया कि इसके संक्रमण से खांसी, सर्दी, बुखार, गले में खराश और कमजोरी होती है. यह तीन से पांच दिनों में ठीक हो जाता है. वयस्कों में लक्षण – वयस्कों में एचएमपीवी के लक्षण अक्सर सामान्य सर्दी या फ्लू जैसे ही होते हैं। इनमें लगातार खांसी, जिसके साथ अक्सर बलगम भी निकलता है. नाक बंद होना या नाक बहना, बुखार, आमतौर पर हल्का से मध्यम. थकान और सामान्य शरीर दर्द. गला खराब होना. गंभीर मामलों में सांस लेने में तकलीफ. बच्चों में लक्षण – बच्चों में गंभीर लक्षण होने की संभावना अधिक होती है, जिनमें शामिल हैं – जैसे सांस फूलना, घरघराहट और लगातार खांसी, तेज़ बुखार, खराब आहार और निर्जलीकरण, विशेष रूप से शिशुओं में.
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स्वास्थ्य विभआग ने जारी किया गाइडलाइन
स्वास्थ्य विभाग ने एचएमपीवी वायरस को लेकर एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि यह वायरस नया नहीं है, सर्दी के दिनों में इस तरह के केस पहले भी आये हैं, पैनिक होने की जरूरत नहीं है. भीड़ वाले इलाकों में मास्क का प्रयोग करें. सेनिटाइजर का प्रयोग करें और हाथों की सफाई करें, भीड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज करें, अस्पतालों में बेड बढ़ायें, ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कर लें.
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जांच किट का दिया गया ऑर्डर
सचिव अजय कुमार सिंह ने एचएमपीवी से निबटने के लिए तैयारी करने का निर्देश दिया. सोमवार को इसको लेकर रिम्स के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार ने तैयारियों का आंकलन किया. ऐहतियातन जांच किट का ऑर्डर भी दे दिया गया है. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया है कि अभी घबराने की जरुरत नहीं है. आइसीएमआर के गाइडलाइन के तहत तैयारी की जा रही है. उन्होंने ये भी सलाह दी कि झूठी खबरें फैलाकर लोगों को पैनिक न करें और न ही डर का माहौल पैदा किया जाए.