इसराज, दिलरुबा, तबला और हारमोनियम जैसे वाद्ययंत्र सीख पाएंगे सिख बच्चे
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
कोल्हान में सिखों की धार्मिक सिरमौर संस्था सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (सीजीपीसी) शिक्षा और स्वास्थ की सफल परियोजना के बाद सिख बच्चों को कीर्तन कला में माहिर बनाने के लिए आगामी 16 फरवरी से हर रविवार को कीर्तन गायन सिखाने की कक्षाएं शुरू करने जा रही है. इस पहल के तहत, कमिटी द्वारा विभिन्न वाद्य यंत्र बजाने की कला भी सिखाने का प्लेटफार्म तैयार कर रही है.
इस पहल और आशय की जानकारी संयुक्त रूप देते हुए सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह और महामंत्री अमरजीत सिंह ने हुए कहा कि इस कदम का उद्देश्य सिख समुदाय के युवाओं को गुरुघर से जोड़ने के साथ-साथ कीर्तन गायन और वाद्य यंत्र बजाने की कला में प्रशिक्षित करना भी है, ताकि वे अपनी संस्कृति और परंपराओं को और गहराई से समझ सकें.
महामंत्री अमरजीत सिंह ने बताया कि कक्षाएं रविवार से शुरू होंगी और इसमें विभिन्न आयु वर्ग के लोग भाग ले सकेंगे. यह पहल सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे युवाओं को अपनी संस्कृति के बारे में जानने का अवसर मिलेगा. उन्होंने कहा कि गुरुग्रंथ साहिब की बाणी को गायन करने के संगीत के विभिन्न रागों को सिखाने के लिए सीजीपीसी के कार्यालय में व्यवस्था की जा रही है. जहां संगीत और सिख धर्म एवं रागों के प्रतिष्ठित जानकार प्रतिभागियों को संगीत का ज्ञान बांटेंगे. वहीं वाद्ययंत्रों में मुख्यता इसराज, दिलरुबा, तबला और हारमोनियम सिखाने की व्यवस्था की जा रही है. अमरजीत सिंह का कहना है कि कीर्तन गायन और वाद्ययंत्र विद्या में पारंगत होने पर छात्रों को प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा.
प्रसन्नता जाहिर करते हुए सरदार भगवान सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह पहल सिख समुदाय के युवाओं को अपनी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ेगी साथ की कला में माहिर होकर कौम की सेवा करने का अवसर भी प्राप्त करेंगे. कीर्तन और वाद्य यंत्र सीखने के इच्छुक सज्जन सीजीपीसी कार्यालय में 9934191808 नंबर पर संपर्क कर अपना दाखिला सुनिश्चित कर सकते हैं.