फतेह लाइव, रिपोर्टर.
मैथिली को उसका उचित अधिकार मिलना चाहिए और इसके लिए जब भी जरूरत होगी और जहां भी जरूरत होगी मैं आवाज उठाऊंगा. यह बातें आज 36 वें अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो ने कही. उन्होंने कहा की मैथिली भाषा की बुद्धिमत्ता का उपयोग राज्य और देश के हित में हो रहा है और मिथिला की संस्कृति अति प्राचीन है और भाषा भी शुभ अवस्थित है. उन्होंने मिथिला के नववर्ष के अवसर पर सबों को शुभकामनाएं भी प्रेषित किया.
विराट कवि सम्मेलन के साथ संपन्न हुआ 36 वें अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन
मिथिला को विकसित होने के लिए मानसिकता बदलने की जरूरत है. व्यावसायिक गतिविधियों को जब तक हम सम्मान नहीं देंगे और संघर्ष नहीं करेंगे तब तक आर्थिक विकास संभव नहीं होगा सम्मेलन के दूसरे दिन युवा एवं उद्योग तथा मिथिला के विकास में एआई का योगदान विषय पर ऑफलाइन और ऑनलाइन संयुक्त माध्यम से हुए संगोष्ठी में सफल उद्यमियों और आईटी सेक्टर के दिग्गजों ने यह भावनाएं व्यक्त की राजीव कुमार झा के संयोजन में आयोजित सत्र में मिथिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अरविंद झा, सफल उद्यमी लिलि झा, जर्मनी से निशा कात्यायन, एवं कुमार हर्ष, उस सलोनी चौधरी, उद्यमी और एंटरप्रेन्योर पूनम झा, आदि में सम्मेलन को संबोधित किया.
कई सफल उद्योगों ने अपने उद्यम के संबंध में जानकारी दी और मिथिलांचल में कारोबार की स्थिति, उद्योग की संभावनाएं, और वर्तमान समय में व्यावहारिक स्वरूप विषय पर अपना मंतव्य रखा. इसके बाद के तकनीकी सत्र की अध्यक्षता श्याम नारायण कुमर ने किया तथा संचालन राजीव रंजन ने किया. इसमें विद्यापति की काव्य साधना शांति सुमन का योगदान, भूकंपरोधी गृह निर्माण का विधान, आयुर्वेद में डायबिटीज का इलाज, मिथिला राज्य का औचित्य, मिथिला में नेटवर्क मार्केटिंग की स्थिति और संभावनाएं, आदि विषयों पर 17 आलेख पढ़े गए. आलेख प्रस्तुत करने वाले में नेपाल के प्रवीण नारायण चौधरी नेपाल के ही प्रोफेसर हीरालाल कर्ण, प्राथमिक शिक्षा में मैथिली पर उमेश नारायण कर्ण कलप कवि, अशोक दास, नंदलाल, नारायण यादव, पंकज कुमार झा, डॉ पुण्यनाथ झा, फारबिसगंज से डॉक्टर संतोष कुमार झा, दो रामसेवक सिंह के अतिरिक्त कई शोध भारतीयों ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया.
इसके बाद प्रसिद्ध साहित्यकार लक्ष्मण झा सागर की अध्यक्षता में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें 46 कवियों ने अपनी काव्य प्रस्तुति दी. काव्य गोष्ठी का संचालन प्रसिद्ध हास्य कवि विनोद हसौद आने किया. सभी कवियों के प्रस्तुति के पश्चात उन्होंने काव्यात्मक ढंग से अपनी प्रस्तुति देकर लोगों को काफी गुदगुदाया और रोमांचित किया. नेपाल के कवि प्रवीण नारायण चौधरी, निर्मली से आए झोली पासवान, नंद विलास राय, जयनगर से नारायण यादव, दरभंगा से राजीव झा, शिवकुमार टिल्लू श्यामल सुमन नूतन झा, विभा झा, गायत्री झा, पिंकी झा, रंजन खान, कोलकाता से कवियत्री श्रीमती शैलजा, आदि ने सम संस्कृति भाषिक अधिकार प्रवृत्ति, बुजुर्गों की समस्या, पर्यावरण, नशाखोरी, के साथ-सा द मिथिला की सांस्कृतिक गौरव तथा राष्ट्रीय एकता के भाव से भरे गीतों को गाकर.
विद्यापति भवन के खचाखच भरे हाल में दर्शकों ने भी काफी लुफ्त उठाया और बार-बार ताली बजाकर कवियों का उत्साह वर्धन किया. कवियों ने काफी प्रशंसा बटोरी. लोगों से काफी प्रशंसा बटोरी आज डॉक्टर प्रणव मिश्रा को तथा संगठन के लिए लगातार महत्वपूर्ण कार्य करने वाले अरुण कुमार झा, बच्चा मेक मधुकर, लक्ष्मण झा, डॉक्टर धनाकर ठाकुर, श्याम नारायण कुमार, नारायण यादव, जोली पासवान, कल्प कवि दीपक झा, पंकज राय, धर्मेश कुमार झा, लड्डू मोहन ठाकुर, ललन चौधरी, अरुण झा आदि को मिथिला गौरव मैथिली गौरव तथा संगठन गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया. अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद जमशेदपुर के अध्यक्ष अशोक कुमार दास और महासचिव विपिन कुमार झा ने लोगों का आभार व्यक्त किया और देश-विदेश से आए प्रतिनिधियों को सम्मान सहित विदा किया.