- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने प्रेस स्वतंत्रता और एआई के उपयोग पर अपने विचार रखे
- कार्यक्रम में मीडिया जगत के प्रमुख व्यक्तियों की रही उपस्थिति
फतेह लाइव, रिपोर्टर
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जिला जनसंपर्क कार्यालय सभागार में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. यह कार्यशाला जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग तथा प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई, जिसका विषय था “प्रेस स्वतंत्रता पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रभाव”. कार्यक्रम में वरीय पुलिस अधीक्षक कौशल किशोर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि इंसान की बुद्धिमत्ता को कभी भी एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) मात नहीं दे सकता. उन्होंने मीडिया के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया न्यूज और ओपिनियन देता है, और इसका कोई विकल्प नहीं हो सकता. हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि एआई के उपयोग से डेटा और यथार्थ को बेहतर ढंग से प्रस्तुत किया जा सकता है, लेकिन इसके उपयोग में सीमा का ध्यान रखना जरूरी है.
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अपने संबोधन में पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि बचपन में वे कल्पना किया करते थे कि भविष्य में मशीनें सारा काम कर देंगी, और आज हम वास्तविकता में रोबोट्स का उपयोग होते देख रहे हैं. हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि एआई को मानव मस्तिष्क का अतिक्रमण करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उनका कहना था कि यह जरूरी है कि एआई का उपयोग सोच-समझकर किया जाए ताकि इसका दुरुपयोग न हो. इस प्रकार, उनका दृष्टिकोण था कि एआई के विकास और उसके उपयोग के बावजूद, इंसानी बुद्धिमत्ता और विचारधारा का स्थान हमेशा सर्वोपरि रहेगा.
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कार्यशाला में जिला जनसंपर्क पदाधिकारी पंचानंद उरांव ने भी एआई के उपयोग पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि जबकि एआई हमारे काम को आसान बना रहा है, हमें इसके दुष्परिणामों से भी सतर्क रहना चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड के सभी जनजातीय समाज की कला, संस्कृति और विरासत का दस्तावेजीकरण किया जा रहा है, ताकि एआई के माध्यम से पूरी दुनिया यहां की सभ्यता और संस्कृति से परिचित हो सके. उनका मानना था कि एआई का सही उपयोग इस तरह से किया जा सकता है कि यह हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में मददगार साबित हो.
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कार्यक्रम का संचालन प्रेस क्लब के महासचिव विकास कुमार श्रीवास्तव ने किया और इसकी अध्यक्षता प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजीव भारद्वाज ने की. धन्यवाद ज्ञापन पूर्व महासचिव गुलाब प्रसाद सिंह ने किया. इस अवसर पर कई पत्रकारों ने अपने विचार साझा किए. कार्यक्रम में पत्रकार दशमत सोरेन द्वारा लिखी पुस्तक “कविता संग्रह पूर्णिमा की शाम” का विमोचन भी किया गया. इस दौरान प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर के पूर्व महासचिव सह वरिष्ठ पत्रकार सिद्धनाथ दुबे और मनीष सिन्हा के निधन पर दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित की गई.
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कार्यक्रम में जनसंपर्क विभाग से सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अंकित कुमार सिंह, भवेश शर्मा, गौरव कुमार, चंदन, वरिष्ठ पत्रकार बी श्रीनिवास, बीके ओझा, बृजेश सिंह, कुलविंदर सिंह, क्लब के उपाध्यक्ष सुमित झा, सह सचिव अमित तिवारी, अमिताभ वर्मा, अभिषेक पीयूष, वेद प्रकाश गुप्ता, प्रमोद झा, जितेंद्र कुमार, निखिल सिन्हा, चंद्रशेखर, सुनील आनंद, मिथिलेश चौबे, संजीव सिंह, निर्मल प्रसाद, आकाश, सानू और अन्य लोग मौजूद थे. कार्यक्रम में सभी ने एआई के प्रभाव और पत्रकारिता के महत्व पर अपनी-अपनी राय साझा की और यह सुनिश्चित किया कि पत्रकारिता और प्रेस स्वतंत्रता का संरक्षण किया जाए, ताकि समाज में सही और निष्पक्ष जानकारी पहुंच सके.