फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर सिविल कोर्ट परिसर में 24 मई 2014 को कुख्यात अखिलेश सिंह पर हुई फायरिंग मामले के बाद हमलावरों की पिटाई मामले में सुनवाई कर रहे एडीजे -तीन आनंद मनी त्रिपाठी की अदालत ने शुक्रवार को मामले के अभियुक्त कुख्यात अखिलेश सिंह समेत 13 को साक्ष्य अभाव में बरी कर दिया. बरी किए गए अभियुक्तों में अखिलेश सिंह (दुमका जेल) स्वराज सिंह गगराई (घाघीडीह सेन्ट्रल जेल), कन्हैया सिंह (पलामू जेल) से वीसी के माध्यम से पेश हुए जबकि अन्य अभियुक्त सुभाष बरूआ, सोनू सिंह, प्रिंस सिंह, अमरेश सिंह, राहुल कुमार सिंह, मनिंदर सिंह, बिटटू सिंह, अभिषेक कुमार सिंह, नवीन कुमार पासवान, राहुल कुमार सिंह हैं, जबकि सचिन सिंह की मृत्यु हो चुंकी हैं. दीपक कुमार सिंह व अन्य फरार हैं.
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इस मामले में कुल 16 लोगों की गवाही हुई है. इस बात की जानकारी अधिवक्ता विदया सिंह ने दी. उल्लेखनीय हैं कि अखिलेश सिंह की कोर्ट में पेशी के दौरान उस पर सरबजीत सिंह एवं रविंद्र सिंह ने अखिलेश पर पिस्तौल से गोली चलाई थी, लेकिन संयोग से फायरिंग नहीं हुई. मौके पर अखिलेश के समर्थकों ने दोनों की कोर्ट परिसर में मार कर अधमरा कर दिया था.
इस संबंध में सुनील कुमार चौधरी तत्कालीन सीतारामडेरा थाना प्रभारी के बयान पर अखिलेश सिंह, कन्हैया सिंह, मनिंदर सिंह, सुभाष बरूआ, सोनू सिंह, प्रिंस, चन्द्र प्रकाश सिंह, अमरेश सिंह, नवीन पासवान, राहुल कुमार सिंह, जयराम रजक उर्फ डॉन, अभिषेक कुमार सिंह और सराज नरसिंह गगराई समेत 20 -25 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया था कि घटना के दिन गश्ती में थे. तभी सूचना मिली की जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय परिसर में भगदर मची हैं. सूचना पर कोर्ट परिसर पहुंचा देखा कि एक व्यक्ति जख्मी हालत में पड़ा था. उसके हाथ में एक पिस्तौल भी था, जिसका नाम सरबजीत सिंह उर्फ छबबू जो गोलमुरी हिन्दू बस्ती के रहने वाला था.
उसे इलाज के लिए भेजा गया. वह अपनी एक साथी के साथ मिलकर कुख्यात अखिलेश सिंह पर फायरिंग किया था, लेकिन संयोग वश गोली नहीं चली. अखिलेश के द्वारा हल्ला करने पर उसके समर्थकों ने दोनों को दौड़ाकर पकड़ा ईंटा -पत्थर और लात घूसा से मारकर जानलेवा हमला कर जख्मी कर दिया था. सरबजीत के साथी का नाम रविंद्र सिंह था.