- मुसाबनी में आयोजित कार्यक्रम में नजरुल के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि
फतेह लाइव, रिपोर्टर
घाटशिला के मुसाबनी में प्रसिद्ध बांग्ला कवि काजी नजरुल इस्लाम की 126वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई. इस अवसर पर साहित्य संस्कृति संघ ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें संघ के अध्यक्ष डॉ. मुरारी मोहन पात्र, सचिव वीरेंद्रनाथ घोष, उपाध्यक्ष दिलीप घोष सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे. सभी ने कवि के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर उनकी महानता को नमन किया. कार्यक्रम में संघ की सांस्कृतिक सचिव संगीता मंडल और आशा दास ने अपनी बेहतरीन गायकी और कला का अद्भुत प्रदर्शन किया, जिसे सभी ने खूब सराहा और मंत्रमुग्ध होकर सुना.
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साहित्यिक कार्यक्रमों में नजरुल की कविताओं ने छुआ दिल
साहित्य संस्कृति संघ के सचिव वीरेंद्रनाथ घोष ने कवि काजी नजरुल इस्लाम के जीवन, आदर्शों और उनके सामाजिक योगदान पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि नजरुल इस्लाम समाज में हिंदू-मुस्लिम एकता और साम्प्रदायिक सद्भाव के प्रबल पक्षधर थे. उन्होंने लगभग तीन हजार गीतों की रचना की और अधिकतर गीतों को स्वयं स्वरबद्ध भी किया, जिन्हें बंगाल में ‘नजरुल गीत’ और ‘नजरुल संगीत’ के नाम से जाना जाता है. उनकी कविताओं में विद्रोह के स्वर स्पष्ट रूप से सुनाई देते हैं, जिसके कारण उन्हें ‘विद्रोही कवि’ के रूप में सम्मानित किया जाता है.