फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर के सोनारी गुरुद्वारा में शनिवार को पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत जोरदार हंगामा हुआ. दरअसल, प्रधान तारा सिंह की कुछ ऑडियो शुक्रवार से वायरल हो रही थी, जिसमें वह एक महिला कर्मचारी के साथ बातें कर रहे हैं.
जिसमें उससे जानू जैसे शब्द बोल कर सम्बोधित कर रहे थे. इसी को विपक्ष ने मुद्दा बनाया और हंगामा शुरू कर दिया.
हंगामे की सूचना पर सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भगवान सिंह अपनी टीम के साथ पहुंचे. उन्होंने मौक़े की नजाकत को समझते हुए प्रधान तारा सिंह से इस्तीफा ले लिया. इसके बाद भी संगत का आक्रोश देखते ही बन रहा था. जब तक कार्यालय में ताला नहीं लग गया, लोग हंगामा करते रहे. अंततः सीजीपीसी प्रधान ने संगत को शांत कराया. इसके बाद तारा सिंह वहां से निकल गए. सूत्र बताते हैं कि संगत तारा सिंह पर इतनी आक्रोशित थी कि उनके साथ कुछ बुरा करना चाह रही थी. सबसे दिलचस्प बात यह है कि पूरे घटनाक्रम को उनके सगे भाई बलबीर सिंह और पूर्व प्रधान गुरदयाल सिंह लीड कर रहे थे. जोरदार हंगामे की सूचना को लेकर गुरुद्वारा में पहले से ही भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी.
संगत को सीजीपीसी प्रधान ने बताया कि तारा सिंह के इस्तीफा देने के बाद दैनिक कार्य फिलहाल महासचिव सुखविंदर सिंह देखेंगे. उसके बाद जो निर्णय होगा, उससे अवगत कराया जायेगा. इस मामले पर तारा सिंह ने बताया कि यह विरोधियों की साजिश है. उनकी आवाज डबिंग की हुई है. इसकी जांच होनी चाहिए. इतने सालों से विपक्ष को अच्छे कार्य नहीं दिखे. वह किसी तरह भी गुरुद्वारा में काबिज होना चाहती थी, जिसके लिए यह एक चाल चली गई है. उनकी टीम का कार्यकाल 2026 तक है. उसके बाद वह आगे की रणनीति बनाएंगे. मालूम हो कि कुछ माह पहले भी यह विवाद तूल पकड़ाने की पुरजोर कोशिश हुई थी, लेकिन उस वक्त मामला ठंडा पड़ गया था. खैर इस पूरे घटनाक्रम की निंदा पूरे शहर में जोर-शोर से चल रही है. लोगों का कहना है कि समाज की बदनामी करने से अच्छा इसे भी बंद कमरे में बैठकर सुलझाया जाता तो अच्छा होता. खैर अब इस मामले में आगे क्या होने वाला सबकी निगाहें इस पर टिकी हुई हैं. साकची चुनाव का गर्म माहौल भी कुछ हद तक इस मामले के बाद गौन हो गया.